Family Stories in Hindi : नूपुर बालकनी में बैठी डूबते सूरज को देख रही थी. उस के घुंघराले बाल हवा में फरफर उड़ रहे थे. उसे लग रहा था कि उस का जीवन शून्य में डूबता जा रहा है. इस सूरज की ही तरह. तभी पीछे से आरना और ओजसी आ कर खड़ी हो गई थीं. नूपुर के बालों को पोनीटेल में बांधते हुए बड़ी बेटी आरना बोली, ‘‘क्या सोच रही हो मम्मी?’’

नूपुर डूबती आवाज में बोली, ‘‘तुम्हारे पापा ने डाइवोर्स देने के लिए मना कर दिया है.’’

छोटी बेटी ओजसी मुंह फुलाते हुए बोली, ‘‘वह क्यों भला?’’

नूपुर पनीली आंखों से बोली, ‘‘बेटा, तुम्हारे पापा के हिसाब से मैं तुम लोगों की ठीक से देखभाल नहीं कर पाऊंगी.’’

आरना गुस्से में बोली, ‘‘हां वे तो हमारी बहुत अच्छे से देखभाल करते हैं न. आज तक उन्हें यह भी नहीं पता कि हम किस क्लास में पढ़ते हैं. मम्मी, नाना, नानी ने क्या देख कर आप की शादी उन के साथ कर दी थी.’’

नूपुर बिना कोई जवाब दिए रसोई की तरफ चल दी.

ओजसी, आरना से बोली, ‘‘दीदी, क्या अब मम्मी और सक्षम अंकल की शादी नहीं होगी?’’

आरना बोली, ‘‘अरे मम्मी और सक्षम अंकल की शादी हो या न हो पर हम उन के साथ ही रहेंगे.’’

तभी गाड़ी की आवाज आई. सक्षम हमेशा की तरह सीटी बजाते हुए घर में घुसा.

आरना और ओजसी को उदास बैठा देख कर बोला, ‘‘आज मेरी तोता, मैना की जोड़ी शांत कैसे बैठी है?’’

आरना बोली, ‘‘अंकल, पापा ने मम्मी को डाइवोर्स देने से मना कर दिया है.’’

सक्षम के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं पर उन्हें ?ाटकते हुए बोला, ‘‘तो क्या हुआ बेटा, हम लोग फिर भी साथ ही रहेंगे. तुम दोनों अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाओ.’’

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