जिंदगी के उतारचढ़ावों को झेलती ज्योत्स्ना अपनी बेटी भावना की शादी होने से खुश थी तो मन के किसी कोने में उदासी भी छिपी थी. मौके की नजाकत को देखते हुए भावना ने अपनी मां के मन की बात जाननी चाही तो वह अतीत की परछाइयों में ही घिर कर रह गई.