रमन अपने भाई की ओर सवालिया निगाहों से देखने लगा. अमन ने उसे इशारों से रीता को हां कहने को कहा.
“ठीक है, तब परसों संडे को शाम ठीक 5 बजे मेरे कहे समय और पते पर 7 लाख कैश ले कर मिलो. इस के बाद भी हम अच्छे दोस्त बने रहेंगे, यह मेरा वादा है. मुझे अच्छे कालेज में एडमिशन के लिए पैसों की सख्त जरूरत है.“
“ओके, मैं पैसे ले कर आ जाऊंगा.“
“याद रखना, यह बात सिर्फ तुम्हारे और मेरे बीच रहनी चाहिए वरना मैं तुम्हारे फोटो की कौपी किसी दूसरे दोस्त को फौरवर्ड कर दूंगी. कुछ ऐसावैसा किया तो वह तुम्हें एक्सपोज कर देगा. हां, एक जरूरी बात, अगर मैं घर से बाहर नहीं निकल सकी तो मेरा बड़ा भाई जा सकता है. उस के पास सौ रुपए का यह नोट होगा, इस का नंबर नोट कर लो.“
“नहीं, मैं किसी को नहीं बताऊंगा और तुम्हारे दिए समय व पते पर आ जाऊंगा. पर कोई दूसरा आए तो उस के पास तुम्हारा ही फोन होना चाहिए जिस में मेरी तसवीरें हैं,“ रमन ने कहा.
“डोंट वरी, मुझे आम खाने से मतलब है, गुठली गिनने से नहीं. मुझे मेरी रकम चाहिए और कुछ नहीं.“
अगले दिन रीता ने फोन कर रुपयों के साथ आने के समय और स्थान का पता बता दिया. रमन को शहर के पूर्वी छोर पर एक जगह बुलाया. वह जगह अभी डैवलप्ड नहीं थी. कुछ घर बन चुके थे जिन में इक्केदुक्के लोग रह रहे थे और काफी घर बन रहे थे. वहां अभी सड़कें भी पक्की नहीं बन सकी थीं. रीता ने रमन को एक निर्माणाधीन घर का पता दे कर वहां आने को कहा. अमन ने अपनी कंपनी के एक स्टाफ को वहां जा कर उस जगह को देखने को कहा. उस ने स्टाफ को सिर्फ इतना बताया कि वहां उसे कुछ प्लौट खरीदना है. अमन के स्टाफ ने आ कर बताया कि उस मकान के 3 ओर अभी गन्ने के खेत थे. यह जानने के बाद अमन बहुत खुश हुआ और उस ने रमन, शालू और दिया को भी इस की जानकारी दे दी.