‘‘‘शुरुआत में सभी ऐसा करने की सोचते हैं. देखती नहीं, कमरे में एसी लगा हुआ है, पंखा नहीं है. बहुत जल्द कैमरा भी लग जाएगा. वैसे, कैमरा नहीं है तो क्या? नम्रता मैडम की आंखें उस से कम हैं क्या?’ वह लड़की बोली तो मैं ने कहा, ‘बेटा, तुम यहां कब...’ मेरा वाक्य खत्म होने से पहले वह बोल पड़ी,‘चुप कर, खबरदार, जो मुझे बेटा कहा. इस शब्द से छली गई हूं मैं. तू राधा मैडम बोलेगी मुझे, समझी.’
‘‘‘क्या?’ मैं हैरान रह गई.
‘‘मुझे डांटती हुई सी वह आगे बोली, ‘सीनियर की रिस्पैक्ट करना नहीं सीखा क्या? उम्र में भले ही तू मुझ से बड़ी होगी, पर इस लाइन में मैं तेरी सीनियर हूं. पढ़ीलिखी नहीं है क्या तू? सीनियर का मतलब तो पता होगा?’
‘‘ऐसे समय में भी अपनी हंसी नहीं रोक पाई थी मैं. ‘आप काफी पढ़ीलिखी लगती हैं, राधा मैडम?’ अपनी हंसी दबाते हुए मैं ने उस से पूछा था.
‘‘‘किताब नहीं मैडम, मैं ने जिंदगी पढ़ी है. तुम्हें भी तैयार कर दूंगी,’ वह बोली.
‘‘‘यहां, यह सब. मेरा मतलब है...’ मेरी बात पूरी होने से पहले ही वह बोली, ‘यहां जितनी साध्वियां दिख रहीं, वे सब...’ उस ने अपनी बात जारी रखी, ‘तेरे साथ एक नई लड़की भी आई है. नम्रता दीदी उसे ले कर आती होंगी. देखा तो है उसे तूने. क्या नाम है उस का? हां, गुडि़या, यही है उस का नाम.’
‘‘‘पर वह तो बहुत छोटी है,’ मैं ने चिंता प्रकट की.
‘‘‘छोटी, इस काम में क्या छोटी, क्या बड़ी? अब खुद को ही देख लें,’ राधा बोली थी.
‘‘‘सिर्फ 7 साल की है वह,’ मैं ने कहा था.