बेटियों के दिनरात के झगड़ों की वजह से उस ने विदेश में खुलने वाली दूसरी ब्रांच में कार्यभार संभालने का निर्णय ले लिया. वह जानती थी, विदेश जाने के बाद भी पारिवारिक झगड़े उस का पीछा नहीं छोड़ेंगे.