Online Hindi Story : शाम की क्लासेज और शाम भी जाड़े की. बर्फ नहीं पड़ रही थी वरना और मुसीबत होती. अमेरिका के विस्कौन्सिन एवेन्यू और ट्वैंटी फोर्थ स्ट्रीट का चौराहा पार करते ही दिल में धुकधुकी इतनी तेज हो जाती है कि ड्राइविंग पर ध्यान बनाए रखना दूभर हो जाता है. ट्वैंटी फोर्थ स्ट्रीट का इलाका रैड लाइट एरिया कहलाया जाने लगा है. रैड लाइट एरिया का खौफ सुमि के मन में बालपन से ही बैठा हुआ है. सुमि के पापा के दूर के कुछ रिश्तेदार पुरानी दिल्ली में दशकों पुराने जमेजमाए कारोबार के चलते वहीं हवेलियों में रहते रहे हैं. मां बताती थीं कि वहां के बड़े चावड़ी बाजार के पास एक इलाका वेश्याओं और गुंडों की वजह से बदनाम ‘रैड लाइट’ एरिया हुआ करता था जिस के आसपास महल्लों में पलक झपकते लड़कियां गायब किए जाने की वारदातें सुनने में आया करती थीं. इस कारण वहां रहने वाले परिवारों की औरतें अपने घरों से बहुत कम निकलती थीं. मजबूरी में जब भी उन्हें बड़े चावड़ी बाजार के पास से गुजरना पड़ता तो उस ओर देखे बिना झट कन्नी काट कर बच्चों, विशेषकर बच्चियों को अपनी लंबी चादर के भीतर दबोचे ऐसे लंबे डग भरतीं मानो कोई चोरउचक्का पीछे पड़ा हो.
अमेरिका के शहर मिडवैस्टर के बीचोंबीच डाउनटाउन इलाके में देश की प्रख्यात और महंगी यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के तेज रफ्तार रिफ्रैशर इवनिंग कोर्स के लिए फुल स्कौलरशिप का मौका विरलों को मिलता है. सुमि इसे हर हाल में पूरा करने को कटिबद्ध है. रैग्युलर कोर्स की गुंजाइश नहीं, दिन की नौकरी छोड़े तो गुजारा कैसे हो?
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