कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

नवेली ने जैसे ही फोन नीचे रखा, उस का दिल धकधक कर रहा था. मोहित की हर बात उसे दूसरी दुनिया की तरफ खींच रही थी. नवेली को विश्वास नहीं हो रहा था कि मोहित जैसा हैंडसम और इतना अच्छा लड़का उस के लिए दीवाना हो सकता है.

नवेली खुशी में गुनगुना रही थी कि तभी उस के पापा अनिल बोले, "नवी, क्या बात हुई?"

नवेली इतराते हुए बोली,  "कुछ खास नहीं. बस यों ही."

तभी नवेली की मम्मी राशि बोली, "अरे नवी, अपनी आदत के अनुसार अपना तन, मन और धन मत न्यौछावर कर देना. थोड़ा सोचसमझ कर फैसला लेना."

नवेली झुंझलाते हुए बोली, "मम्मी, मोहित से आप की पसंद से ही शादी कर रही हूं. अब भी दिक्कत है?"

राशि साड़ी का पल्ला ठीक करते हुए बोली, "नवी, तुम्हें कोई दिक्कत ना हो, इसलिए बोलती हूं."

नवेली 22 वर्ष की सुंदर युवती थी. अपने मातापिता की वह इकलौती बेटी है. नवेली के मम्मीपापा बहुत ही लिबरल विचारों के हैं. उन्होंने अपनी बेटी पर कभी कोई रोकाटोकी नहीं की थी. नवेली के मम्मीपापा

अपनी अपनी दुनिया में व्यस्त थे. नवेली के छोटे कपड़ों पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी और ना ही उन्हें नवेली के बोयफ्रैंड्स पर कोई एतराज होता था. नवेली को अपने मम्मीपापा, मम्मीपापा कम फ्रैंड्स ज्यादा लगते थे.

नवेली को अंदर से खालीपन लगता था. नवेली को एक भरापूरा परिवार चाहिए था, पर उस की जिंदगी में थी ढेर सारी फ्रीडम और अकेलापन. एक के बाद एक बोयफ्रैंड्स नवेली की जिंदगी में आते गए, मगर हर लड़के को नवेली के विचार बेहद बचकाने और भावुक लगते थे. उस के सभी बोयफ्रैंड्स नवेली की तरफ आकर्षित थे. मगर प्यार से उन्हें कोई सरोकार न था. आज की युवा पीढ़ी की तरह उन के लिए भी प्यार का मतलब था घूमनाफिरना, पार्टी  और सैक्स करना. हर लड़का कमिटमेंट से दूर भागता था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...