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मोहित लड़कियों की पवित्रता को ले कर बहुत बातें करता था. नवेली को

लगता कि वह मोहित से धोखा कर रही है. नवेली ने अपने फोन नंबर को बदल लिया और अपने सारे सोशल मीडिया एकाउंट्स डिलीट कर दिए थे.

मोहित का प्यार धीरेधीरे नवेली के अंदर सीलन की तरह पनप रहा था. नवेली ने अपने सारे छोटे कपड़े इधरउधर बांट दिए थे. नवेली को लगने लगा था कि मोहित के प्यार में इतना तो वो कर सकती है.

मोहित अकसर फोन पर  नवेली को बताता था कि कैसे वो उस के लिए रातदिन मेहनत कर रहा है, ताकि वो लोग यूरोप के लिए हनीमून जा पाएं. तुम्हें मैं जमीन पर पैर नहीं रखने दूंगा, पर बस मेरे घर और दिल की रानी बन कर रहना.

नवेली मोहित की ऐसी बात सुन कर रोमांचित हो उठती थी. उस की जिंदगी में कभी ऐसा कोई नहीं आया था, जो उस पर इतनी रोकटोक करे.

नवेली ने एक बार फोन पर कह भी दिया था, "मोहित, तुम्हारे जितनी रोकटोक तो मेरे अपने पापा ने भी नहीं की है."

मोहित बोला, "मैं तुम्हें बेहद प्यार करता हूं, इसलिए किसी और के साथ बांट नहीं सकता हूं."

नवेली को मोहित का व्यवहार रोमांचित भी करता, पर साथ ही साथ डराता भी था.

नवेली एक अजीब सी दुविधा में फंस गई थी. मोहित अच्छा कमाता था, देखने में बेहद अच्छा था. बस, उस के विचार कुछ अलग थे. नवेली को समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने अंदर की दुविधा किसे समझाए.

मोहित कभी भी विवाह से पहले नवेली से मिलने नहीं आया था. मोहित के शब्दों में अगर पास रहना है, तो थोड़ी दूरी भी जरूरी है. अगर सबकुछ जान जाओगी, तो शादी का मजा चला जाएगा.

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