व्यंग्य- सुनीता चंद्रा
Funny Husband Wife Stories : मैंअकेली पत्नी बेचारी, मुझे धुन चढ़ी कि प्रेम का एहसास पाऊं. इस एहसास को पाने के लिए मैं ने क्याक्या नहीं किया. अब आप पूछेंगे कि मुझे यह धुन चढ़ी क्यों? तो हुआ यों कि मैं बाल धो कर सजसंवर कर अपनी बालकनी में खड़ी थी तो युवकयुवती मेरी बालकनी के नीचे खड़े बातें कर रहे थे. अब कोई इतनी जोरजोर से बातें करेगा, तो मैं कान तो बंद नहीं कर सकती. बातें कुछ रोमांटिक थीं तो मैं भी ध्यान से सुनने लगी.
युवती कह रही थी कि भई, यह प्यार का एहसास भी क्या एहसास है, सबकुछ भुला देता है. सब नयानया लग रहा है. अपने पराए हो जाते हैं और जिसे कुछ दिन पहले मिले उस के लिए दुनिया भी छोड़ देने को तैयार...
अब मैं उन्हें सुनना छोड़ कर प्यार का एहसास क्या होता है, यह सोचने लग गई. भई, इतने साल हो गए मुझे क्यों नहीं यह एहसास हुआ अभी तक? अब मैं ने भी ठाना कि यह एहसास तो कर के ही रहूंगी.
अब मैं सजसंवर कर शाम को पति के आने का इंतजार करने लगी. पति आए और मैं झट से पेड़ की लता की माफिक उन से लिपट गई. पति बेचारे घबरा कर दूर हटे. मैं बेचारी प्यार के एहसास से महरूम उलटे पति के पसीने से तरबतर शरीर से आती बदबू से चकरा गई. मैं ने झट से अच्छा सा अपना मनपसंद परफ्यूम नथुनों से लगाया और सोचा, कोई बात नहीं, किला तो फतह कर के ही रहूंगी.
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