"मम्मा आप को एक खुशखबरी देनी थी."

"हां बेटा बता न क्या खुशख़बरी है? कहीं तू मुझे नानी तो नहीं बनाने वाली?" सरला देवी ने उत्सुकता से पूछा.

"जी मम्मा यही बात है," कहते हुए नेहा खुद में शरमा गई.

आज सुबह ही नेहा को यह बात कंफर्म हुई थी कि वह मां बनने वाली है. एक बार जा कर हॉस्पिटल में भी चेकअप करा लिया था. अपने पति अभिनव के बाद खुशी का यह समाचार सब से पहले उस ने अपनी मां को ही सुनाया था.

मां यह समाचार सुन कर खुशी से उछल पड़ी थीं," मेरी बच्ची तू बिलकुल अपने जैसी प्यारी सी बेटी की मां बनेगी. तेरी बेटी अपनी नानी जैसी इंटेलिजेंट भी होगी और तेरे जैसी खूबसूरत भी. "

"मम्मा आप भी न कमाल करते हो. आप ने पहले से कैसे बता दिया कि मुझे बेटी ही होगी?"

"क्योंकि बेटा ऐसा मेरा दिल कह रहा है और मैं ऐसा ही चाहती हूं. मेरी बच्ची देखना तुझे बेटी ही होगी. मैं अभी तेरे पापा को यह समाचार दे कर आती हूं. "

नेहा ने मुस्कुराते हुए फोन काटा और अपनी सास को फोन लगाया," मम्मी जी आप दादी बनने वाली हो."

"क्या बहू तू सच कह रही है? मेरा पोता आने वाला है? तूने तो मेरा दिल खुश कर दिया. सच कब से इस दिन की राह देख रही थी. खुश रह बेटा," सास उसे आशीर्वाद देने लगीं.

नेहा ने हंस कर कहा," मम्मी जी ऐसा आप कैसे कह सकती हो कि पोता ही होगा? पोती भी तो हो सकती है न. "

"न न बेटा. मुझे पोता ही चाहिए और देखना ऐसा ही होगा. पर बहू सुन तू अपनी पूरी केयर कर. इन दिनों ज्यादा वजन मत उठाना और वह लीला आ रही है न काम करने?"

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