बरसों बाद यों अचानक मुलाकात होगी, ये डा. दास और अंजलि ने सोचा भी नहीं था. इस मुलाकात में ही अंजलि ने सवालों की झड़ी लगा दी. भोलीभाली अंजलि ने उन की बातों पर विश्वास कर लिया और जा पहुंची उन के घर.