शादी का बोझ बढ़ जाने के साथ ही घर से अलग होना कुछ ज्यादा ही महंगा पड़ा. जल्द ही एक नन्ही सी बेटी ने खर्च और बढ़ा दिया. 1-2 बार तो सलमा ने अपने बाप से पैसे मंगवा कर कमल की मदद भी की पर हालात बिगड़ने लगे तो सलमा ने अपनी पड़ोसिन रोमी से किसी काम के लिए राय मांगी तो उस ने सिलाईकढ़ाई का काम भी सिखाया और कमाई का जरिया भी बनवा दिया.
सलमा बहुत खुश थी कि अब वह गृहस्थी का बोझ संभालने में कमल की अच्छीखासी मदद कर सकेगी पर फिर भी ऐसा हो नहीं सका, क्योंकि जैसेजैसे सलमा ने आर्थिक स्थिति मजबूत करनी शुरू की कमल ने दारू पीना शुरू कर दिया.
सलमा ने जल्द ही महसूस किया कि उस ने कमल से शादी कर के बहुत बड़ी भूल कर डाली थी. जो आदमी एक मामूली सी नथनी का वादा पूरा नहीं कर सका वह जिंदगी भर का साथ कैसे निभा पाएगा. बजाय आमदनी बढ़ाने के उस ने दारू पीनी शुरू कर के एक और चिंता बढ़ा दी थी, मायके व ससुराल दोनों के रास्ते पहले ही बंद हो चुके थे.
सलमा का सहारा बनने के बजाय कमल उस पर और अधिक कमाने के लिए दबाव बनाने लगा.
जैसेजैसे कमल पर दारू का नशा तेज होने लगा, सलमा के प्यार का नशा उतरने लगा. वह अधिक से अधिक कमाई करने की होड़ में अपनी सेहत और खूबसूरती खोने लगी. कमल दिन भर इधरउधर मटरगश्ती करता, देर रात आता और सुबह फिर कुछ पैसे ले कर ठेला लगाने का बहाना कर के गायब हो जाता.