‘‘हैलो, आई एम कनिका सिंह, फ्राम राजस्थान.’’ इस खनकती आवाज ने अमित का ध्यान आकर्षित किया तो देखा, सामने एक असाधारण सुंदर युवती खड़ी है. क्लासरूम से वह अभी अपने साथियों के साथ ‘टी ब्रेक’ में बाहर आया था कि उस का परिचय कनिका से हो गया. ‘‘हैलो, मैं अमित शर्मा, राजस्थान से ही हूं,’’ अमित ने मुसकरा कर अपना परिचय दिया.

कनिका वास्तव में बहुत सुंदर थी. आकर्षक व्यक्तित्व, उम्र लगभग 26-27 की रही होगी. लंबा कद किंतु भरापूरा शरीर, तीखे नयननक्श उस की सुंदरता में और वृद्धि कर रहे थे. ‘टी ब्रेक’ खत्म होते ही सभी वापस क्लासरूम में पहुंच गए. भारत के एक ऐतिहासिक शहर हैदराबाद में 1 माह के प्रशिक्षण का आज पहला दिन था. देश के अलगअलग प्रांतों से संभागियों के पहुंचने का क्रम अभी भी जारी था. कनिका भी दोपहर बाद ही पहुंची थी. पहले दिन की औपचारिक कक्षाएं खत्म होते ही सभी प्रशिक्षुओं को लोकसंगीत और नृत्य कार्यक्रम में शामिल होना था.

खुले रंगमंच में सभी लोग जमा हो चुके थे. कार्यक्रम शुरू हो गया था. लोककलाकार अपनीअपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे. संयोग से अमित के पास की सीट खाली थी. कनिका वहां आ गई तो अमित ने मुसकराते हुए उसे पास बैठने का इशारा किया. कनिका बैठते ही अमित से बातचीत करने लगी. उस ने बताया कि वह मनोविज्ञान की प्राध्यापक है. अमित ने कहा कि वह इतिहास विषय का है. कनिका ने बताया कि इतिहास उस का पसंदीदा विषय रहा है और वह चाहती है कि इस विषय का गहन अध्ययन करे. फिर हंसते हुए उस ने पूछा, ‘‘आप मुझे पढ़ाएंगे क्या?’’ अमित ने भी मजाक में उत्तर दिया, ‘‘अरे, मेरा विषय तो नीरस है. लड़कियां तो वैसे ही इस से दूर भागती हैं.’’

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