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मुंबई से निकलते वक्त उस ने मंदा के लिए एक खत लिख कर छोड़ दिया था कि घर जा रही हूं किसी जरूरी काम से... सारी बातें लौट कर बताती हूं.

क्लास से लौटने पर मंदा ने जब पूर्वी का लिखा खत देखा तो पहले तो वह सोच में पड़ गई कि ऐसा कौन सा काम अचानक आ गया जो पूर्वी इस तरह अचानक चली गई. फिर अगले ही पल उस के खुरापाती दिमाग में विचार आया कि यही सही मौका है, उस के फ्रैंड सलिल को अपने प्यार के झूठे जाल में फंसा कर अपना बनाने का.

बस फिर उस का माइंड बड़ी तेजी से सलिल को अपना बनाने के लिए षड्यंत्र रचने लगा. उस ने मन ही मन सोचा यदि सलिल उस का न हुआ तो पूर्वी का भी नहीं होने देगी.

इधर पूर्वी बरेली पहुंच कर मां की देखभाल में इस तरह व्यस्त हो गई कि उसे किसी बात का होश ही नहीं रहा. वह तो हरदम मां के जल्दी से जल्दी ठीक होने के लिए प्रार्थना करने लगी और अपना फोन भी साइलैंट मोड पर कर दिया.

इस बीच सलिल ने पूर्वी को कई बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन उस का फोन हमेशा स्विच्ड औफ ही मिला. सलिल को पूर्बी के लिए चिंता होने लगी. फिर एक दिन सलिल ने मंदा को फोन मिला कर पूर्बी के बारे में जानने की कोशिश की तो मंदा के मन की तो कली खिल गई.

ऊपर से तो मंदा ने पूर्वी के बारे में चिंता जाहिर की फिर बोली, ‘‘देखो

तो मुझे भी कुछ बता कर नहीं गई,’’ और फिर पूर्वी के द्वारा लिखी चिट सलिल को दिखाई.

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