सुशीला की जासूसी आंखें घर की कामवाली रत्ना पर लगी थीं. ‘हो न हो घर की चीजों पर यही हाथ साफ कर जाती है’ की रट लगाए सुशीला ने कमर कस ली रत्ना को रंगेहाथों पकड़ने की.