घर और बच्चों की जिम्मेदारियों के बीच मैं यह भूल गई थी कि राकेश भी मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है और उसे एक पत्नी का सामीप्य भी चाहिए. इस बात का एहसास मुझे तब हुआ जब वह देर रात घर आने लगा था.