कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोज को कुछ उत्सुकता सी होने लगी कि आखिर यह कौन है और उस से चाहती क्या है?

कुछ देर बाद चाय, नाश्ता हो गया. फोटो, खबर और सूचना ले कर एकएक कर के सभी प्रैस रिपोर्टर विदा ले कर चले भी गए. पर रति तो अब भी वहीं पर थी. अब मनोज को अकेला पा कर वह उस के पास आई और बेबाक हो कर बोली, ‘‘आप से बस 2 मिनट बात करनी है."

‘‘हां... हां, जरूर कहिए,‘‘ कह कर मनोज ने पूरी सहमति दी.

‘‘जी, मेरा नाम रति है और मुझे आप की फैक्टरी में काम चाहिए.‘‘

‘‘काम चाहिए, पर अभी तो यहां स्टाफ एकदम पूरा है,‘‘ मनोज ने जवाब दिया.

‘‘जी, किसी तरह 4-5 घंटे का काम दे दीजिए. आप अगर चाहें तो मैं एक आइडिया दूं.‘‘

‘‘हां... हां, जरूर,‘‘ मनोज ने उत्सुकता से कहा, तो वह झट से बोली थी, ‘‘आप अपनी फैक्टरी और इस गोदाम की छत पर सब्जियांफूल उगाने का काम दे दीजिए.‘‘

‘‘अरे... अरे, ओह्ह,‘‘ कह कर मनोज हंसने लगा. वह रति की देह को बड़े ही गौर से देख कर यह प्रतिक्रिया दे बैठा, क्योंकि उस का मन यह मानने को तैयार नहीं था कि रति यह सब कर सकती है.

‘‘हां... हां, क्यों नहीं," मनोज ने कहा.

"आप इतने मनमोहक पौधों का पौधारोपण करा रहे हो. प्रकृति से तो आप को खूब प्यार होगा. मेरा मन तो यही कहता है,‘‘ ऐसा बोलते समय रति ने भांप लिया था कि मनोज खुश हो गया है.

अब उस के इसी खुश मूड को ताड़ कर वह बोली, ‘‘जी, आप मेरा भरोसा कीजिए. मैं बाजार में बिकवा कर इन की लागत भी दिलवा सकती हूं. और तो और यह तो पक्का है कि आप को मुनाफा ही होगा.‘‘

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...