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फिर एक दिन अचानक मानसी जब कालेज से लौटी तो उस ने देखा तापस अपने मातापिता के साथ उस के घर पर है. इतने दिनों में मानसी तापस को पहचानने तो लगी थी और नाम भी जान गई थी.

तापस बैंगलुरु की एक अच्छी कंपनी में है. उस के मातापिता नागपुर में ही सैटल्ड हैं. सबकुछ अच्छा है. यह देख कर मानसी के मातापिता ने यह रिश्ता सहर्ष स्वीकार कर लिया लेकिन मानसी अभी अपना एमबीए कंपलीट करना चाहती थी, वह जौब करना चाहती थी, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी. मानसी ने जब सब के समक्ष अपने मन की यह बात रखी तो कोई कुछ कहता, इस से पहले ही तापस ने उस पर अपनी सहमति की मोहर लगा दी और फिर उन दोनों की सगाई हो गई.

दोचार प्रश्नों के पश्चात कुशाग्र बुद्धि की धनी मानसी का सेलैक्शन मैनेजमैंट द्वारा कर लिया गया. मानसी यह खुशखबरी सब से पहले अपने मम्मीपापा से शेयर करना चाहती थी, इसलिए उस ने फौरन घर पर फोन लगा कर अपने सेलैक्ट होने की खबर दी. यह खबर सुनते ही अमिता ने मन ही मन ठान लिया कि अब वह मानसी की शादी जल्द से जल्द करवा कर ही दम लेगी.

उस के बाद जैसे ही मानसी ने तापस को यह बताया कि वह कैंपस सेलैक्शन में सेलैक्ट हो गई, तापस ने उस से कहा, “तुम वहीं रुको, मैं अभी आता हूं.” और कुछ देर में तापस कालेज कैंपस के बाहर था. तापस को देखते ही मानसी उस से लिपट गई, बोली, “जल्दी घर चलो, मुझे मम्मीपापा को एक बहुत ही इम्पौर्टेंट बात बतानी है और उन के चेहरे का एक्सप्रैशन देखना है."

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