अपनी नई नई गृहस्थी सजासंवार कर गंगा, दामिनी और कृष्णा सोफे पर ही पसर गईं. गंगा ने कहा, ‘‘चलो, भई, अब शुरू करते हैं नया जीवन, बैस्ट औफ लक.’’

‘‘हां, सेम टू यू,’’ दामिनी ने कहा तो कृष्णा कहने लगी, ‘‘शुरुआत कुछ शानदार होनी चाहिए, डिनर करने बाहर चलें? 2 दिन से अब फुरसत मिली है.’’

गंगा ने कहा, ‘‘हां, ठीक है, 7 बज रहे हैं. दामिनी, कल तुम्हें औफिस भी जाना है. चलो फिर, जल्दी डिनर कर के आते हैं. टाइम से आ कर आराम कर लेना. श्यामा भी कल से ही काम पर आएगी. बोलो, कहां चलना है?’’

दामिनी ने कहा, ‘‘शिवसागर चलते हैं.’’

कृष्णा ने कहा, ‘‘नहीं, फ्यूजन ढाबा चलते हैं.’’

गंगा ने कहा, ‘‘नजदीक ही बार्बेक्यू नेशन चलते हैं.’’

दामिनी ने फटकारा, ‘‘दिमाग खराब हो गया है, गंगा? रात में इतना हैवी डिनर करोगी वहां?’’

गंगा ने भी तेज आवाज में कहा, ‘‘तुम्हारा दिमाग होगा खराब, एक रात हैवी खाने से क्या हो जाएगा? अरे, नए जीवन की पार्टी तो बनती है न.’’

कृष्णा ने टोका, ‘‘बस, फ्यूजन ढाबा चलेंगे, तुम दोनों तो किसी भी बात पर शुरू हो जाती हो.’’

तीनों की आवाजें धीरेधीरे तेज होने लगीं, अभी 2 दिन पहले ही इस ‘तुलसीधाम सोसायटी’ में तीनों ने फोर बैडरूम का फ्लैट किराए पर लिया था और अभी घर का सामान संभाल कर फ्री हुई थीं.

तीनों की आवाजें तेज होते ही फ्लैट की डोरबैल बजी. तीनों चुप हो गईं. एकदूसरे को देखा. कृष्णा ने कहा, ‘‘यह कोई सीरियल नहीं है, डोरबैल बजते ही एकदूसरे की तरफ देखने के बजाय दरवाजा खोलो. अच्छा, मैं ही देखती हूं.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...