दूसरी शादी है तुम्हारी. ऐसे ब्याहों में विकल्प नहीं होते. तुम तीस पार कर चुकी हो, वर मिल रहा है, यही क्या कम है,’ रिश्तेदार ने मुंह मरोड़ते हुए कहा तो वैष्णवी तिलमिला गई. क्या उस के पास कोई विकल्प न था, वह खुद विकल्प बन चुकी थी.