कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

ऐसा क्या किया था अनुराग ने शेफाली के साथ कि वह उस दिन का इंतजार कर रही थी जब अनुराग से उस की मुलाकात अकेले में हो? और फिर जब एक दिन यह मौका आया तो वह आपे से बाहर हो गई.. जैसे ही कैप्टन ने एअरक्राफ्ट को पीछे करना शुरू किया, विंडो सीट पर बैठी शेफाली को लगा जैसे उस के बहुत दिनों से संजोए मधुर सपनों का संसार भी उस की आकांक्षाओं के आंचल से सरक कर दूर जा गिरा है. बड़ी-बड़ी पलको की कोरों से   झांकते आंसू बराबर वाले देख न लें, इसलिए उसने   झटसे किताब उठा ली. हालांकि ज्यादातर अपने मोबाइलों में डूबे हुए थे. शेफाली ने पढ़ने के बहाने   झट से अपना चेहरा नीचे कर लिया.

मगर वहां तो किताब का हर अक्षर उसकी स्मृति के पन्नों से जुड़ कर उस का उपहास उड़ा रहा था. ग्राउंड आईआईटी इंजीनियर अनुराग स्वस्थ, सुंदर, खूबसूरत, अच्छी नौकरी, लंबाई 5 फुट 11 इंच. क्या तू उस की बीवी बनने योग्य है? नहीं, कभी नहीं, स्वप्न में भी नहीं. तू तो ठिगनी है. क्या हुआ जो तू हर

ऐग्जाम में फर्स्ट डिवीजन में पास होती आई है, सुडौल है, नैननक्ष तीखे हैं, रंग कश्मीरियों जैसा है और गायिका भी है, लेकिन कद तो सिर्फ 5 फुट 2 इंच ही है, जबकि अनुराग और उस के मातापिता चाहते हैं कि उन की बहू कम से कम 5 फुट 4 इंच हो. कद में इस 2 इंच की कमी ने ही तो शेफाली की सारी योग्यता, सारी सुंदरता पर पानी फेर दिया. महीनों से संजोया उस का सपनों का महल धराशायी हो गया. उस की 1-1 ईंट गल कर उस के मन को आंसुओं से सराबोर कर गई.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...