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पूर्व कथा

वैद्यराज दीनानाथ शास्त्री की इकलौती संतान कमलदीप अपनी लड़कियों जैसी हरकतों के कारण उन की चिंता का विषय बना हुआ था. पढ़ाई में तो उस की दिलचस्पी रहती नहीं थी, अलबत्ता नाटकनौटंकियों में वह बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता था. जलसों में वह कृष्ण की रासलीला में राधा बनता तो अपने साथियों के बीच सिनेमा की नायिकाओं सा अभिनय करता. बेटे के रंगढंग वैद्यजी और उन की पत्नी सुशीला देवी को अजीब लगते. उसे सुधारने के लिए बड़े जतन कर उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कराने अमेरिका भेज दिया. कोर्स पूरा करने के बाद कमलदीप वहीं नौकरी करने लगा और कुछ समय पहले उस ने फोन पर बताया कि उस ने वहां शादी कर ली है. अब वह एक कौन्फ्रैंस में भाग लेने एक हफ्ते के लिए भारत आ रहा था. वैद्यजी पत्नी सहित उसे लेने एअरपोर्ट पहुंच गए, परंतु जब बेटा आया तो पहला वज्रपात तो उस की किन्नरों जैसी चाल, रंगढंग व हुलिया देख कर हुआ और दूसरा यह सुन कर कि बेटा बहू नहीं लाया बल्कि स्वयं किसी की पत्नी बन गया है यानी उस ने समलैंगिक विवाह किया है. कैलिफोर्निया के कानून के अनुसार 6 महीने वह अपने पार्टनर का पति होता है और 6 महीने पत्नी. यह सुन वैद्यजी और सुशीला देवी बुरी तरह बौखला गए.

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भारतीय संस्कृति और अपनी मर्यादा के लिए जब वैद्यजी से नहीं रहा गया तो उन्होंने आव देखा न ताव और बेटे के गाल पर जोर का तमाचा जड़ दिया. ‘व्हाई डिड यू हिट मी’ के साथ कमलदीप जोर से चीखा. चीख सुन कर जैक भी आवेश में बोला कि ‘‘हे मैन, हाऊ डेयर यू टच माई वाइफ एंड व्हाई दिस लेडी इज शाउटिंग एट हिम? यू हैव नो राइट टु स्कोल्ड हिम ऐंड बीट हिम, ही इज माय वाइफ.’’ इसी के साथ वह जोरजोर से चिल्लाने लगा.

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