पूर्वकथा
मोहित की पहली मुलाकात जहां कौल सैंटर वाली सुमिता से होती है वहीं दूसरी बार वह स्विट्जरलैंड भ्रमण के दौरान व्योमबाला सुमिता से मिलता है. अब मोहित की तीसरी मुलाकात एक विज्ञापन कंपनी की डायरैक्टर सुमिता से होती है. आखिर इन तीनों सुमिता में से उस ने किस को अपना हमसफर बनाया.
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एकदूसरे की तारीफ के बाद जैसे ही ड्रिंक्स का दौर शुरू हुआ, तभी हौल में कौल सैंटर वाली सुमिता ने कदम रखा. वह भी आज खासतौर से ब्यूटीपार्लर से सजधज कर आई थी.
उस ने नए फैशन की काली सलवारकमीज डाली हुई थी. बिना दुपट्टे के वह गले में नए डिजाइन का नैकलेस डाले हुए थी. आज वह मोहित से शादी के बारे में बात करना चाहती थी.
तनहा कोने वाली पसंदीदा मेज अभी तक खाली थी. ‘शायद मोहित अभी तक नहीं आया था,’ यह सोचते हुए वह धीरधीरे चलती हुई मेज के पास पहुंची. साथ वाली मेज पर एक जोड़ा चहकताहंसता बातें कर रहा था. पुरुष की पीठ उस की तरफ थी. चेहरा पीछे से कुछ जानापहचाना सा लग रहा था. मगर मोहित तो हमेशा जींस, टीशर्ट या फिर कैजुअल वियर पहनता था. यह तो कोई हाई सोसाइटी का कोई सूटेडबूटेड नौजवान है.
कुर्सी पर बैठ कर वह उस जोड़े को देखने लगी. आवाज मोहित की ही थी. उसे अपनी तरफ देखते हुए व्योमबाला ने मोहित से कहा, ‘‘आप के पीछे की मेज पर बैठी लड़की आप को देख रही है.’’
इस पर मोहित चौंका, व्योमबाला से बातों में मग्न हो कर वह सुमिता के साथ अपने फिक्स्ड प्रोग्राम को तो भूल ही गया था. वह फुरती से उठा और मुड़ कर सुमिता के समीप पहुंचा.