राइटर- पूर्ति खरे
Hindi Kahaniya 2025 : मैं अपने शोरूम की डमीज के लिए कुछ नई ड्रैसेज निकाल ही रही थी कि उन दोनों ने मेरे शोरूम में दस्तक दी. मैं आश्चर्य और उत्साह के साथ उन के वैलकम के लिए भागी. अंदर आते ही उन्होंने किसी कपड़े की कटिंग करते हुए राजीव को ठहरी हुई निगाहों से देखते हुए कहा, ‘‘यह वही लड़का है?’’
मैं ने राजीव की तरफ उसी पहली निगाह से देखते हुए हां में सिर हिलाया तो राजीव मेरी तरफ देखते हुए बिलकुल वैसे ही मुसकराया जैसे वह उस दिन पहली दफा मुसकराया था.
जाहिर चच्चा की दुकान में वह मुसकराता हुआ बोला था, ‘‘आप, परदा लगा कर अच्छे से पहन कर देख लीजिए, चिंता मत कीजिए अंदर कोई नहीं आएगा. मैं भी बाहर खड़ा हूं, आप ठीक से पहन कर देख लें. जो भी ढीला या चुस्त होगा मैं ठीक कर दूंगा.’’
कितनी मासूमियत थी उस की उस बात में. एकदम भोला सा चेहरा, सौम्य सी छवि और कदकाठी ऐसी कि अच्छेअच्छे बौलीवुड के हीरो भी उस के आगे पानी भरते नजर आएं. उस रोज उस की पर्सनैलिटी देख कर मन में यह सवाल आया कि इतना स्मार्ट लड़का जाहिर चच्चा की दुकान में काम क्यों करता है? खैर, मुझे तो अपनी 12वीं कक्षा की फेयरवैल पार्टी के लिए अपने लिए एक डिजाइनर शूट बनवाना था. इसीलिए मैं ने फटाफट परदा डाल कर कुरता पहन कर देखा और फिर बाहर जा कर उस लड़के से कहा, ‘‘नए हो फिर भी शूट एकदम सही सिला है. चच्चा से सीखा होगा. चच्चा तो हैं ही सिलाईकढ़ाई में एकदम उस्ताद.’’
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