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शाम का अंधेरा गहरा रहा था. एक किश्ती की रस्सी खोल, दोनों उस पर सवार हो, बीच समुद्र में बढ़ चले. कई याटों पर सुरक्षाकर्मी डैक पर टहल रहे थे. एक बड़े लग्जरी याट के डैक पर कोई नहीं था.

एक प्लेटफौर्म समुद्र के पानी से थोड़ा ऊपर था. यह एक खुली लिफ्ट थी. इस पर 4 व्यक्ति एकसाथ ऊपर आजा सकते थे. रस्सियों वाली एक सीढ़ी साथ ही लटक रही थी. दोनों किश्ती को एक हुक से बांध सीढि़यां चढ़ते हुए ऊपर पहुंच गए. डैक सुनसान था. चालक कक्ष भी सुनसान था. डैक से सीढि़यां नीचे जा रही थीं. सारा याट सुनसान जान पड़ता था.

डैक से नीचे के तल पर एक बड़ा हाल था. उस में एक तरफ बार बना था. खुली दराजों में तरहतरह की शराब की बोतलें सजी थीं. कई छोटेछोटे केबिन एक कतार में बने थे. एक केबिन में रोशनी थी.

दरवाजे के ऊपर वाले हिस्से में एक गोलाकार शीशा फिट था. दबेपांव चलते दोनों ने दरवाजे के करीब पहुंच कर शीशे से अंदर झांका. दोनों के मतलब का दृश्य था.

अधेड़ अवस्था का एक पुरुष एक नवयौवना सुंदरी के साथ सर्वथा... अवस्था में मैथुनरत था. डेनियल ने सुब्बा लक्ष्मी की तरफ देखा, वह निर्लिप्त भाव से मुसकराई.

डेनियल ने अपना कैमरा निकाला और दक्षता से तसवीरें खींचने लगा. अभिसारग्रस्त जोड़ा उन्माद उतर जाने के बाद अलगअलग हो, गहरी सांसें भरने लगा.

थोड़ी देर बाद दोनों ने कपड़े पहने और बाहर को लपके. डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी तुरंत बार काउंटर के पीछे जा छिपे. प्रेमी जोड़ा सीढि़यां चढ़ता ऊपर को गया. डेनियल ने शराब की 2 बोतलें उठा कर अपनी जैकेट की जेब में डाल लीं. दोनों दबे पांव चलते सीढि़यां चढ़ते डैक पर पहुंचे.

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