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एकदूसरे की बांहों में शादी का 1 साल कब बीत गया उन्हें पता ही नहीं चला.

लोगों का कहना है कि जैसेजैसे शादी पुरानी होती जाती है, पतिपत्नी के प्यार में भी गिरावट आने लगती है. मतलब उन के बीच पहले जैसा प्यार नहीं रह जाता. मगर विवान और शैली की शादी जैसेजैसे पुरानी होती जा रही थी उन का प्यार और भी गहराता जा रहा था. लेकिन जिस विवान का प्यार शैली को हरी दूब का कोमल स्पर्श सा प्रतीत होता था, अब वही प्यार उसे कांटों की चुभन जैसा लगने लगा था. उस का दीवानापन अब उसे पागलपन लगने लगा था. उसे लगता या तो कुछकुछ दिनों के अंतराल पर विवान औफिस के काम से कहीं बाहर चला जाया करे या फिर उसे अकेले मायके जाने दिया करे ताकि खुल कर अपने मनमुताबिक जी सके.

आखिर कुछ दिनों के लिए उसे विवान से अलग रहने का मौका मिल ही

गया. ऐसे जाना कोई जरूरी नहीं था, पर वह जाएगी ही, ऐसा उस ने अपने मन में निश्चय कर लिया.

‘‘शादी में... पर जानू,’’ विवान अपनी पत्नी को प्यार से कभीकभी जानू भी बुलाता था, ‘‘वे तो तुम्हारे दूर के रिश्तेदार हैं न और तुम ने ही तो कहा था कि तुम्हारा जाना कोई जरूरी नहीं?’

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‘‘हांहां कहा था मैं ने, पर है तो वह मेरी बहन ही न और सोचो तो जरा कि अगर मैं नहीं आऊंगी तो चाचाजी को कितना बुरा लगेगा, क्योंकि कितनी बार फोन कर के वे मुझे आने

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