गौतम ने अपने ऑफिस में करण को बुलाया था, करण! गौतम का ख़ास आदमी, बहुत विश्वस्त, हैंडसम और बहुत तेज दिमाग का धनी करण गौतम के साथ मिलकर कई केस हल कर चुका थ. गौतम ने इरा के गायब होने की पूरी बात बताकर कहा,” अब तुम नीरा के साथ कलकत्ता जाओ, इनके घर परिवार पर नजर डालना, इरा को वहां देखा गया है. नीरा पर भी शक की सुई जाती है, प्रॉपर्टी का मामला हो सकता है,” गौतम के आगे बोलने से पहले ही किंजल ने उसे फ़ोन किया, बोली, नीरा को बॉस ने छुट्टी दे दी है, वह कल का ही टिकट बुक करना चाहती है, तुम बताओ, किसे भेज रहे हो उसके साथ? ”
“करण को.”
“वाह, वाह, यह हुई न बात! दो सुन्दर, युवा दिल साथ रहेंगें तो हो सकता है, इस केस में कुछ गुल खिल ही जाए.”
गौतम को हंसी आ गयी, किंजल बोली, तुम तो जानते ही हो, मुझे ये दोनों कितने प्यारे हैं.”
“नीरा को बोल दो, अपने साथ एक टिकट और भेज दे. मैं उसे करण के डिटेल्स भेज देता हूं. “ कहकर गौतम ने करण का रुख किया,” चलो, बरखुरदार, लग जाओ काम पर, ये रहा नीरा का नंबर, “ गौतम की बात पूरी भी नहीं हुई थी कि कपिल उत्साहित होता हुआ अंदर आया, सेल्यूट किया,” सर, उस स्केच वाले लड़के के बारे में पता चला है कि वह तो सुखदेव महाराज का ख़ास शिष्य है.”
गौतम चौंका,' क्या? वह अंग्रेजदां बाबा? ओह नो. यह क्या चक्कर है!”
“जी, सर, बाबा का ख़ास आदमी है, चंद्रन.”