‘वक्त ने किया क्या हंसी सितम, तुम रहे न तुम हम रहे न हम...’ कुछ इसी नगमे सा था वसुधा और नागेश के प्यार का फसाना. लेकिन जिंदगी तो न जाने कितने रंगों के इंद्रधनुष दिखाती है, सो उस ने वसुधा और नागेश को फिर आमनेसामने खड़ा कर दिया. अब क्या करे वसुधा?