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कैथरीन ने देर रात अपनी कार ड्राइव वे में पार्क की. फिर वह लड़खड़ाते कदमों से चल कर बैकयार्ड डोर खोलने की कोशिश करने लगी. वह नशे में थी, इसलिए चाबी की होल में ठीक से नहीं लगा पा रही थी. आहट सुन कर श्याम ने अंदर से दरवाजा खोला. कैथरीन अपना बैग एक तरफ फैंक कर लिविंगरूम में धम्म से सोफे पर बैठ गई.

श्याम ने कहा, ‘‘कैथ, अब तुम सिर्फ मेरी वाइफ ही नहीं हो एक बच्ची की मां भी हो. मैं तुम्हारी हरकतें न चाहते हुए भी बरदाश्त कर लेता हूं पर बेचारी लोलिता की सोचो वह 3 साल की हो गई है. उसे भी तुम्हारी जरूरत है.’’

‘‘व्हाट, सैम, तुम भी दकियानूसी वाली बात करते हो. लोलिता को हम बेबी केयर में भेज ही रहे हैं, उसे कोई प्रौब्लम नहीं है तो तुम्हें क्या प्रौब्लम है. अब मेरा मूड खराब न करो. चलो सोने चलें.’’

बैड पर लालिता को देख कर कैथ ने चिल्ला कर कहा, ‘‘मैं ने इस के लिए पिछले 10 दिनों से अलग रूम में बैड लगा दिया है और यह आज फिर यहां. इसे उस के कमरे में ले जाओ.’’

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‘‘बहुत मुश्किल से रोतेरोते सो पाई है, फिर इस की नींद खराब हो जाएगी. फिलहाल इसे यहीं रहने दो.’’

कैथ ने लोलिता को उठा कर अलग रूम में ले जाने लगी. तभी श्याम ने गुस्से से उस के हाथ से छीन कर फिर उसे बैड पर सुला दिया.

कैथ ने भी गुस्से में चिल्ला कर कहा, ‘‘हाऊ डेयर यू असौल्ट मी.’’

‘‘मैं ने असौल्ट कब किया? बस तुम्हारे हाथ से ले कर बेबी को वापस बैड पर सुला दिया,’’ सैम बोला.

‘‘इट्स औल द सेम. तुम ने फोर्सिबली छीना है मुझ से. आउट बोथ औफ यू. इस रूम से निकलो दोनों और मुझे सोने दो.’’

शोर से लोलिता उठ गई और वह डर गई थी. उसे गोद में ले कर सैम लोलिता के रूम में गया और दोनों वहीं सो गए.

श्याम एक भारतीय मूल का इंजीनियर था. कुछ वर्ष पूर्व वह अमेरिका के कैलिफोर्निया में आया था और उसे ग्रीन कार्ड मिल चुका था. उस के मातापिता भारत में थे. अगले 1-2 साल में उसे अमेरिकी नागरिकता मिलने की उम्मीद थी. करीब 5 साल पहले उस ने एक अमेरिकन लड़की कैथरीन से शादी की थी. हालांकि उम्र में वह श्याम से कुछ बड़ी थी. यह शादी उस के मातापिता की मरजी के विरुद्ध थी. कैथ उसी की कंपनी में रिसैप्शनिस्ट थी. कैथरीन स्कूल से आगे पढ़ नहीं सकी थी. उस की मां का देहांत उस के बचपन में हो गया था और उस के पिता का भी निधन शादी के एक साल बाद हो गया था. उस के पिता की संपत्ति के अलावा उसे इंश्योरैंस से भी काफी डौलर्स मिले थे. कैथरीन बचपन से ही स्वच्छंद स्वभाव की थी. वह श्याम को सैम कहती और श्याम भी उसे कैथ कह कर बुलाता था.

सुबह उठ कर सैम ने कैथ से पूछा, ‘‘कल रात की बातें कुछ याद भी है तुम्हें?’’

‘‘मुझे सब याद है, उतनी ज्यादा भी नहीं पी थी मैं ने.’’

‘‘अच्छा कुछ और पी लेती तो और हंगामा करती.’’

‘‘हंगामा तुम ने किया था, मैं ने नहीं.’’

‘‘मैं ने तो बस लोलिता का कमरा अलग कर दिया था और वहां कैमरा भी लगा दिया था ताकि उस पर नजर भी रख सकें.’’

‘‘लोलिता को मांबाप दोनों का प्यार चाहिए. अभी उतनी बड़ी भी नहीं है कि उस का अलग सोना जरूरी है.’’

‘‘यह तुम्हारा इंडिया नहीं है, यहां तो एक साल के बच्चों को भी लोग अलग सुलाने लगते हैं.’’

‘‘इंडिया और अमेरिका की बात कहां से आ गई. मैं तो वर्षों से अमेरिका में ही हूं और यहीं रहने जा रहा हूं. तुम ने भी यह जान कर मुझ से शादी की थी.’’

‘‘वही तो मेरी सब से बड़ी भूल थी.’’

‘‘अब बेकार बातों को तूल न दो. लोलिता की डे केयर तुम ड्रौप कर रही हो या नहीं?’’

‘‘नहीं, आज मैं हाफ डे लीव लूंगी, तुम ही ड्रौप कर देना.’’

‘‘और हां, बौस बोल रहा था तुम्हें समझाने के लिए… दफ्तर पी के न जाया करो. किसी ने तुम्हारे खिलाफ कंप्लेन की है.’’

‘‘बौस की ऐसीतैसी, वह जानता नहीं है कि नौकरी मेरी मजबूरी नहीं है, बस एक शौक है टाइम पास.’’

‘‘तुम्हारे लिए हो सकता है पर औफिस टाइम पास के लिए नहीं है.’’

‘‘तुम अपना काम करो और बौस को मैं हैंडल कर लूंगी.’’

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कैथ अकसर वीकैंड में क्लब से नशे की हालत में घर आती और सैम के साथ उस का झगड़ा होता. सैम की क्लब में कोई रुचि नहीं थी. एक बार उस ने इतनी ज्यादा पी ली कि उस की कार कोई दूसरा आदमी चला कर लाया और कैथ को अपने दोनों हाथों से उठा कर घर छोड़ने आया. सैम ने दरवाजा खोला तो देखते ही वह गुस्से से आगबबूला हो उठा. उस आदमी को धन्यवाद दे विदा कर कैथ से कहा, ‘‘यह क्या बदतमीजी है? तुम्हें शर्म नहीं आती कि इतना पी लेती हो कि गैरमर्द को तुम्हें बांहों में टांग कर लाना पड़ता है.’’

‘‘वह कोई अनजान नहीं था. मेरे स्कूल का साथी था. हम दोनों बहुत बार डेट पर भी जा चुके हैं और…’’

‘‘और क्या, तुम उस के साथ फिजिकल भी रही होगी. शेम औन यू.’’

‘‘माइंड योर टंग. मैं कोई कुएं की मेढक नही हूं, तुम्हारे जैसी कंजर्वेटिव नहीं हूं. मुझे घर से पूरी छूट थी.’’

‘‘मैं जानता हूं. तुम्हारी स्टैप मौम से नहीं पटती थी और तुम्हारा बाप जोरू का गुलाम था इसलिए ज्यादातर तुम नानी के यहां रही. उस के बाद बोर्डिंग में रही. तुम मुझे एक दिन वैकेशन में मिआमि में मिली… न जाने कैसे अचानक मुझ पर फिदा हो गई.’’

‘‘फिदा हो गई, माई फुट, तुम ने मुझे बीयर औफर की और मेरे साथ डांस करने के लिए रिक्वैस्ट की थी. मैं नहीं गई थी तुम्हारे पास.’’

‘‘स्टौप इट नाऊ, गो टु बैड. कल सुबह बात करते हैं.’’

इसी तरह तूतू, मैंमैं कर दोनों के दिन कट रहे थे. लोलिता अब बड़ी हो चली थी, वह अपनी मां के व्यवहार से दुखी थी और अपने पिता से उसे बहुत प्यार था. उसे हाई स्कूल में बोर्डिंग में भेज दिया गया.

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