आप सोच रहे होंगे कि हम ने ‘सी’ की जगह गलती से ‘बी’ लिख दिया है. नहीं, यहां गलती नहीं की है. वैसे हम उन की नजर में गलतियों की गठरी हैं. भले ही खुद को गलतीलैस समझते हों? वे ट्रेन व हम पटरी हैं. सीबीआई की इस समय धूम मची हुई है. एफआईआर, छापे व जांच की बूम है. मुगालते में न रहें. जो सीबीआई के फंदे में फंसा सब से पहले तो वह धंधे से गया. फिर उस के सारे दोस्तरिश्तेदार उसे पहचानने की बात पर अंधे हो गए. सीबीआई के गहन अन्वेषण व बयान लेने में अच्छेअच्छे सयाने चारों खाने चित हो जाते हैं. सीबीआई तो जिस ने गलत काम किया हो उसे पकड़ती है या फिर जिस से काम करतेकरते गलती हो गई हो. लेकिन उसे पता न हो कि उस ने गलती की है या जो अपनी डफली अपना राग अलापता हो कि उस ने गलती की ही नहीं है. गलती तो उस की जांच करने वाले कर रहे हैं. इसीलिए आजकल बहुत से सयाने लोगों ने काम करना ही बंद कर दिया है और बाकायदा उदाहरण से अपनी बात को जस्टीफाई करने की कोशिश कर रहे हैं कि न सड़क पर गाड़ी चलाओ और न ही ऐक्सीडैंट का भय पालो. अब यह
कोई बात हुई कि काम ही न करो? बस घर बैठे वेतन लो. औफिस में कूलर, पंखे की हवा में गप्पें मारते रहो. एक और अन्वेषण ब्यूरो इस देश में है, जो सीबीआई से भी ज्यादा खतरनाक है. इस की तो अपनी तानाशाही चलती है. सीबीआई को सरकार केस सौंपती है. लेकिन यह सरकार अपने केस का स्वयं संज्ञान लेती है. पुलिस भी स्वयं है और न्यायाधीश भी, अदालत भी स्वयं और दंड के प्रावधान भी इसी के हैं और यह है बीबीआई. बहुत से लोगों ने इस का नाम नहीं सुना होगा. लानत है ऐसे लोगों पर कि इतनी पुरानी व विश्वसनीय संस्था के बारे में नहीं सुना. दरअसल, यह एक सदस्यीय आयोग है. इस का कार्यालय जहां आप रहते हैं वहीं है. इस का कार्यकाल उतना ही है जितना आप की जिंदगी का कार्यकाल. यह आयोग बड़ा जैंडर सैंसिटिव है. अब आप की यहां दाल नहीं गलती तो इसे जैंडर डिसिक्रिमिनेटरी कहने की ग...ग...गलती न करें.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 24 प्रिंट मैगजीन
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स