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अब यह मत कहना कि तुम नहीं जानती थीं कि पराग तुम से झूठ बोल रहा है. जब मैं तुम्हें फेसबुक पर ढूंढ़ कर तुम्हारे बारे में सबकुछ पता कर सकती हूं, तुम से संपर्क कर सकती हूं तो क्या तुम ने वहां कभी हमारे फोटो नहीं देखे होंगे. अभी कुछ हफ्ते पहले ही हमारी शादी की सालगिरह थी. तुम ने तसवीरों में देखा भी होगा कि हम साथ में कितने खुश थे. क्या तुम ने इस बारे में पराग से कोई सवाल नहीं किया?’’

‘‘पराग ने कहा था कि तुम ने उसे बिना बताए पार्टी का आयोजन किया था. उसे मजबूरी में शामिल होना पड़ा.’’ ‘‘अच्छा... तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि पराग ने खुद मेरे लिए सरप्राइज पार्टी रखी थी. अगर तुम अपनी आंखों से प्यार की पट्टी हटा कर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए उन तसवीरों को ध्यान से देखोगी तो शायद तुम्हें सच नजर भी आ जाए और यह केवल उन तसवीरों की बात नहीं है. क्या तुम ने खुद कभी यह महसूस किया कि पराग सच में मुझे तलाक देना चाहता है? उस ने तुम से वादे तो बहुत किए पर क्या कभी कोई वादा पूरा भी किया? तुम उस की खातिर यहां मेरे सामने आ कर खड़ी हो पर पराग कहां है? क्या वह भी तुम्हारे लिए दुनिया का सामना करेगा? उस ने तुम्हें अपने दोस्तों या परिवार से मिलवाया? खुद तुम्हारे दोस्तों या परिवार से मिलने के लिए तैयार हुआ? ‘‘वक्त रहते संभल जाओ अनुप्रिया. अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है. पराग के वादों की तरह ही उस का प्यार भी खोखला है.’’

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