50 हजार रुपए के लिए दोनों मियांबीवी तमाम योजनाएं बना ही रहे थे कि तभी किसी साथी ने कमल को आवाज लगाई. कमल बाहर गया तो उस ने साथ चलने को कहा. कमल ने बिना कुछ सोचेसमझे उस के साथ जाने से मना कर दिया और साथ में यह भी साफ कर दिया कि अब वह अपने पैसों से नया धंधा शुरू करने जा रहा है.
इस बात की भनक लगते ही उस के साथियों में खलबली मच गई कि कहीं कमल उन लोगों के बारे में पुलिस को न बतला दे. वे लोग उसे धमकी दे कर चले गए. उस ने सब से पहले 40 हजार रुपए की एक जर्मन पिस्तौल खरीद डाली और 5 हजार की एक बढि़या सी सोने की नथनी.
यह बात जब उस के गैंग वालों को पता चली तो उन्होंने खतरे को भांपते हुए कमल से मिल कर यह आश्वासन लेना चाहा कि वह धंधा छोड़ दे तो कोई बात नहीं, पर उन के राज किसी और को न बताए, वरना अंजाम सभी के लिए खराब होगा. कमल राजी हो गया. चलतेचलते किसी ने पलट कर यह कह दिया, ‘‘तुझ को अपनी बीवी सलमा का वास्ता है.’’
‘‘तुम सब को मालूम है कि मैं सलमा को कितना प्यार करता हूं. मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूं कि मैं तुम्हारे रास्ते में नहीं आऊंगा, पर यह याद रखना कि तुम भी मेरा राज कभी किसी से नहीं खोलोगे,’’ कहते हुए कमल ने खुशीखुशी सब को विदा कर दिया पर पिस्तौल तो वह खरीद ही चुका था.
सलमा ने सोचा था कि उस पैसे से वह कमल को कोई धंधा करा देगी, पर यह सब जान कर उस को एक सदमा लगा और वह चुप रह गई.