व्यंग्य- उमाशंकर चतुर्वेदी

रिश्वत के लेनदेन की भूमिगत नदी न जाने कब से बहती चली आ रही है. पत्रंपुष्पं से आरंभ हुई रिश्वत की यह धारा अब करोड़ों के कमीशन की महानदी में बदल चुकी है. रिश्वत के मामले में भारतीय समाज ने ही क्या पूरे विश्व ने धर्म को भी नहीं बख्शा. अपने किए पापों के परिणाम से बचने के लिए हम तथाकथित देवीदेवताओं को रिश्वत देते हैं. इच्छित फल पाने के लिए सवा रुपए से ले कर सवा लाख तक का प्रसाद और दक्षिणा चढ़ाते हैं जो रिश्वत का ही एक रूप है. थोड़ी सी भेंट चढ़ा कर उस के बदले में करोड़ों की संपत्ति की चाह रखते हैं. इसी के मद्देनजर एक तुकबंदी भी बनाई गई है:

‘तुम एक पैसा दोगे, वह दस लाख देगा.’

अब बताइए कि इतनी सुविधा- जनक रिश्वत का कारोबार अपने देश के अलावा और कहां चल सकता है. वर्षा के अभाव में नदियां सूख कर भले ही दुबली हो जाएं लेकिन रिश्वत की धारा दिनप्रतिदिन मोटी होती जा रही है. रिश्वत को अपने यहां ही क्या, सारी दुनिया में किस्मत खोलने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम समझा जाता है. रिश्वत के दम पर गएगुजरों से ले कर अच्छेअच्छों तक की किस्मत का ताला खुलता है.

ये भी पढ़ें- औरत का दर्द

आप रिश्वत दे कर टाप पर पहुंच सकते हैं पर अगर रिश्वत देने में कोताही की तो टापते रह जाएंगे और दूसरों को आगे बढ़ता देख कर लार टपकाते रहेंगे. बिना रिश्वत के आप सांसत में पडे़ रहिए या फिर रिश्वत दे कर चैन की बंसी बजाइए. रिश्वत के लेनदेन का एक ऐसा शिष्टाचार, एक ऐसा माहौल शुरू हुआ है कि लोग अपना काम कराने के लिए सरकारी कार्यालयों में अफसर और कर्मचारियों को रिश्वत से खुश रखते हैं. चुनाव के दिनों में नेता जनता से वोट बटोरने के लिए जो वादे करते हैं, जो इनाम बांटते हैं वह भी रिश्वत की श्रेणी में ही आता है. इस तरह प्रजातंत्र में सारा भ्रष्टाचार शिष्टाचार का मुखौटा पहन कर गोमुखी गंगा हो जाता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...