कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अविरल ने मम्मी कि आवाज़ सुनकर अपनी पूरी ताकत समेटी और उठकर दरवाजा खोला और मम्मी की गोद में ही बेहोश हो गया. तब तक कार्तिक और अमन भी वहाँ आ चुके थे, दोनों उसे लेकर अस्पताल जाने लगे. निधि भी बदहवास होकर अविरल के पीछे भागी.

अस्पताल पहुँचकर डॉक्टर ने तुरंत ही अविरल को एड्मिट किया और चेकअप करने लगे. डॉक्टर ने सांत्वना दी और बोला कि भगवान ने इसकी जान बचा ली है. इसकी कलाई ज्यादा गहराई तक नहीं कटी है. ज्यादा ब्लड प्रैशर और खून बह जाने की वजह से यह बेहोश हो गया है. 4-4 घंटे में एकदम सही हो जाएगा.

उधर घर में दीप्ति और उसके मम्मी पापा निधि को पता नहीं क्या क्या बोल रहे थे लेकिन निधि एकदम पत्थर बनी बैठी थी. रेनु  चिल्ला चिल्ला कर बोली “यहाँ आशिक़ी चल रही है. जब अपना ही सिक्का खोटा है तो दूसरे को क्या दोष दें”. अविरल की मौसी निधि के पास आई और उसे सहारा दिया. उन्होने सभी को लताड़ लगाई और बोली “बेचारी कुछ बोल नहीं रही और सब इसके पीछे पड़ी हो. क्या गलत किया इसने. अभी सबका कैरक्टर खोलू तो जवाब देते नहीं बनेगा किसी से”.

तभी अस्पताल से कार्तिक घर आ गया  और बताया कि सब ठीक है. 4-4 घंटे में अविरल घर आ जाएगा. अविरल कि इस हरकत से निधि टूट सी गयी थी. उसने अविरल को छोड़ने का निश्चय कर लिया.

ये भी पढ़ें- रहनुमा: भाग-3

अविरल जब वापस घर आया तो सभी लोग हौल  में बैठे थे. अविरल ने सबके सामने  बोला “मेरे अंदर क्या कमी है और मेरी शादी निधि से क्यूँ नहीं हो सकती”. कार्तिक गुस्से से पागल हो गया और चिल्लाते हुए बोला “क्या ड्रामा मचा रखा है, कोई शादी नहीं होनी किसी की”. अविरल निधि के लिए अकेले ही सबके सामने खड़ा हो गया. और बोला कि “शादी तो मैं इसी से करूंगा जो रोक सकता हो रोक ले”. अविरल कि मौसी ने सभी लोगों को शांत कराया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...