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ऐसे आदमी पर क्या गुजरती होगी जो अपनी पत्नी को किसी गैरमर्द के साथ रंगेहाथ पकड़ ले और रंगेहाथ भी इस तरह कि पत्नी यह बहाना भी न कर सके कि उस के साथ जबरदस्ती हो रही थी. पहलेपहल उस के पास जब फोन आया तो उसे लगा कि कोई उस के साथ भद्दा मजाक कर रहा है. उस ने फोन करने वाले को डांटाफटकारा भी. उसे कौल ट्रैस करवा कर पुलिस में देने की धमकी भी दी. लेकिन खबर देने वाला पूरी तरह गंभीर था. उस ने कहा, ‘‘आप की पत्नी के अवैध संबंध आज नहीं तो कल उजागर होंगे ही. मैं आप को पहले सूचित कर रहा हूं ताकि आप समय से पहले सचेत हो जाएं. फैलतेफैलते खबर आप तक पहुंची तो आप की ही बदनामी होगी.’’

‘‘क्या सुबूत है तुम्हारे पास?’’ उस ने प्रश्न किया.

‘‘सुबूत तलाशना मेरा काम नहीं है. आप का घर ऐयाशी का अड्डा बन चुका है. सुबूत तुम खुद तलाश करो.’’ और फोन काट दिया गया.

फोन करने वाले की बात पर उसे यकीन न आना स्वाभाविक था. 14 वर्ष हो चुके थे उस के विवाह को. एक बेटा भी था जो अभी स्कूल में पढ़ रहा था. सुखी दांपत्य था उन का. ऐसे में उस की पत्नी के बहकने का कोई कारण नहीं था. घर में सारी सुखसुविधाएं मौजूद थीं. स्वयं का घर था. अच्छा वेतन था. अच्छी नौकरी थी उस के पास. बैंक में मैनेजर था वह. लेकिन कोई उसे इस तरह फोन क्यों करेगा? उस की तो किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है. 13 वर्ष का बेटा था उस का. पत्नी की उम्र भी 35 वर्ष के लगभग थी. स्वयं उस की आयु 45 वर्ष थी. सुना था उस ने कि इस उम्र में औरत एक बार फिर से युवा होती है. औरत में वही लक्षण उभरते हैं जो 17-18 की उम्र में. लेकिन वह इस बात का पता कैसे लगाए? दिमाग में बैठे शक को कैसे साबित करे? पत्नी के हावभाव, व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं था. जैसी वह पहले थी वैसी अब भी है.

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