जब आप पूरी लगन से अपना फोन या लैपटौप खोलते हैं और औफिशियल मेल का जवाब देने की तैयारी में होते हैं तो स्क्रीन पर पहली चीज नजर आती है, ‘‘सेल...सेल...सेल...दीवाली की बंपर सेल... औनलाइन एक फ्रिज खरीदें और साथ में एक टोस्टर फ्री पाएं... आज का जबरदस्त औफर... लिपस्टिक खरीदें और एक पाउच मुफ्त पाएं... ये औफर सिर्फ आज के लिए.’’
औनलाइन ऐडवर्टाइजिंग इतना सशक्त माध्यम बन चुकी है कि आप सब काम छोड़ कर इसे ही देखने लग जाते हैं, उस ‘डिफरैंट’ सादे कुरते को, जिस के साथ मैचिंग ईयररिंग्स भी हैं और साथ में शूज भी. इस के लिए अपने बौस को मेल का जवाब देना रुक सकता है. इस समय यह जरूरी लगने लगता है कि मैं 1 मिनट निकाल कर पहले वह कुरता अपनी शौपिंग बास्केट में डाल लूं. 2 मिनट लगा कर शायद इसे खरीद ही लूं. दफ्तर में काम तो? होते रहेंगे. यदि यह कुरता हाथ से निकल गया तो दोस्तों में शो औफ करने का एक मौका जाया कैसे जाने दिया जाए और फिर यह जबरदस्त औफर तो सिर्फ आज ही के लिए है. आप का भी कुसूर नहीं. औनलाइन कैंपेनियन आप को चीखचीख कर कह रही होती है कि यह आखिरी पीस है. अब आप को पता है कि वह आखिरी पीस आप के पास नहीं आया तो आप की जिंदगी बरबाद हो जाएगी.
उलझे कि फंसे
कोई और तो सिर्फ आप को आप के जन्मदिन पर ही तोहफा देगा. औनलाइन शौपिंग से आप हर समय अपनेआप को तोहफा देते रहते हैं और खुश रहते हैं. यह अलग बात है कि उस के बाद के्रडिट कार्ड का बिल देख कर आप को दिल का दौरा भी पड़ सकता है.