गरिमा रोहन से प्यार करती थी. मगर एक दिन उस के साथ एक ऐसी घटना घट गई कि वह रोहन से नफरत करने लगी. घटना के सालों बाद जब उस की मुलाकात रोहन से हुई तो वह अपने किए पर शर्मिंदा थी. आखिर क्या सच जान गई थी वह...

‘‘तुम ने अपने घर वालों के सामने मुझ से बिना पूछे ही घोषणा कर दी कि डायवोर्स ले रहे हो,’’ तनु ने लगभग चीखते हुए रोहन से सवाल किया. वह औफिस से आया ही था. तनु ने उस पर बरसना शुरू कर दिया, ‘‘जवाब क्यों नहीं दे रहे हो. मुझ से छुटकारा चाहिए तो मुझ बोलना था. अपने घर फोन क्यों किया?’’

रोहन ने बैग टेबल पर रखा और बहस से बचने के लिए वाशरूम में घुस गया.

तनु अब भी बड़बड़ा रही थी, ‘‘मेरी ही बुद्धि फिर गई थी जब शादी के लिए हां कह दी थी.

2 साल लिव इन में थी तो पैर पकड़ने को तैयार रहता था और अब देखो बात का जवाब दिए बिना वाशरूम में जा कर बंद हो गया.’’

थोड़ी देर तक रोहन नहीं आया तो तनु भी अंदर कमरे में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया. रोहन बाहर आया तो न तो चाय ही बनी हुई थी न ही खाने को कुछ और था. उस ने रसोई में जा कर खुद ही चाय बनाई और तनु के कमरे का दरवाजा खटखटाया. बहुत देर तक खड़ा रहा? लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई. उस ने चाय बाहर लौबी में मेज पर रख दी और लैपटौप खोल कर किसी काम में जुट गया.

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