आज सहसा एक अरसे बाद कमल ने उस के सामने आ कर उस के मन की शांत ?ाल में फिर से हलचल मचा दी थी. उस के विचारों की लहरों ने तूफानी रूप धारण कर लिया था. कमल को देखते ही उस का सोया हुआ नारी स्वाभिमान पुन: जोश मार उठा था. उस के मन ने भय व अपराधबोध के अधीन सोचा, यदि राजीव यह जान ले कि कालेज युग के दौरान उस ने केवल कमल को अपना जीवनसाथी बनाने के सपने देखे थे, बल्कि कमल द्वारा उस का प्रेम ठुकरा देने पर उसे बुरी तरह लज्जित भी होना पड़ा था तो वह उस की दृष्टि में किस कदर अपमानित हो जाएगी. कहीं उस के पास वह वीडियो न हो और वह कीमत वसूल करने आया हो उस स्थिति में क्या यह अपना सुखी और शांत दांपत्य जीवन नष्ट होता सहन कर पाएगी ऐसा होने के बाद क्या वह जीवित रह सकेगी? वह राजीव की घृणा सह पाएगी?
नहीं, यह हरगिज नहीं हो सकता,’’ सहसा उस के होंठ कांप कर बुदबुदा उठे.
‘‘अरे तुम अभी तक नहीं सोई,’’ अचानक राजीव की आंखें खुल गईं.
‘‘एक बात बताओ, आप ने कैसे जाना कि मु?ो कमल का आना अच्छा नहीं लगा है?’’
‘‘रहने दो वरना तुम बुरा मान जाओगी.’’
‘‘नहीं मानूंगी, आप बताइए.’’
‘‘कमल मेरे लिए अजनबी नहीं है. हम दोनों पुराने मित्र हैं.’’
‘‘तो क्या आप को सब मालूम है?’’
‘‘हां कल्पना, मु?ो सब मालूम है. सच पूछो तो हमारा विवाह कमल के जरीए ही हुआ है,’’ राजीव ने दूसरा रहस्योद्घाटन किया.
‘‘क्या?’’ कल्पना का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 24 प्रिंट मैगजीन
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स