कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

लेखक- जितेंद्र मोहन भटनागर

इसबार जब गरमी की छुट्टियों में तान्या अपनी मम्मी के साथ नानी के घर रुड़की आई तो उन्हीं दिनों उस के बड़े मामामामी भी छुट्टी ले कर आए हुए थे, इसलिए उन के साथ घूमनेफिरने और बातों में ही सारा समय बीत गया.

छुट्यिं खत्म हुईं तो दिल्ली तक तान्या के बड़े मामा निकुंज और मामी शिवाली उन्हें अपनी कार से दिल्ली एअरपोर्ट छोड़ने आए. दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट के टाइम से 2 घंटे पहले वे पहुंच गए.

मम्मी के साथ एअरपोर्ट में प्रवेश से पहले तान्या मामी से गले मिलते हुए बोली, ‘‘देखो मामी मेरी हाइट आप के बराबर हो गई है, मुझे मामा जैसी हाइट पकड़नी है.’’

‘‘मामा तो 6 फुट के हैं और मैं उन से केवल 4 इंच छोटी हूं तेरी मम्मी की और मेरी हाइट लगभग बराबर है. तुझे पता है हम जैसी लंबी हाइट की लड़कियों को शादी के लिए लड़के बड़ी मुश्किल से मिलते हैं. तू 6 फुट की हो जाएगी तो हम सब के लिए लड़का ढूंढ़ना मुश्किल हो जाएगा.’’

‘‘मामी एक बात बताओ, नानी को, मम्मी को और आप को भी, मेरी शादी की इतनी फिक्र क्यों रहती है? मैं ने अभी तो एमएससी एविएशन पूरा किया है और अब मैं ऐविशन अफसर बनने का एडवांस कोर्स कर रही हूं. मुझे हर हालत में अपना सपना पूरा करना है और आर्मी जौइन करनी है.’’

‘‘ठीक है तेरी पढ़ाई कौन रोक रहा है तू जितना चाहती है पढ़ ले. पायलट अफसर भी बन जा पर एक समय तो आएगा जब तेरा मन किसी को लाइफपार्टनर बनाना चाहेगा... आर्मी जौइन कर भी लेगी तो शादी तो तेरी हमें करनी ही है... तेरी मामी यह कहना चाह रही है.’’ मामा ने मुसकराते हुए तान्या का समझना चाहा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...