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होटलकी लिफ्ट में नित्या दिखी, तो अचानक बरसों बाद नित्या से मिलने के रोमांच से वह घिर गया. नित्या के शरीर में उम्र का भराव आ गया था. देह मांसल हो गई थी. कालेज की छरहरी लड़की से परिपक्व नित्या का व्यक्तित्व तुलनात्मक रूप से ज्यादा आकर्षक लग रहा था. लिफ्ट में 6 लोग थे. नित्या ने या तो उसे पहचाना नहीं या फिर उसे देख नहीं पाई. उसे देखने के रोमांच में डूबा वह जैसे नित्या से बात करना ही भूल गया. उसे तीसरी मंजिल पर जाना था. जब तक वह कुछ कहने का मन बनाता, तीसरी मंजिल आई गई और लिफ्ट

रुक गई. लिफ्ट का दरवाजा खुलते ही वह बाहर आ गया.

इन पलों में उस के दिमाग में इतने प्रश्न उमड़े कि उन की गिनती करना मुश्किल था. इन पलों में उस के दिमाग में इतने दृश्य चलायमान हुए कि उन्हें ठीक से देख पाना भी मुश्किल था. लिफ्ट से बाहर निकलते समय वह मात्र यह सोच रहा था कि नित्या किस मंजिल पर जाएगी

वह सोच ही रहा था कि नित्या भी लिफ्ट से बाहर आ गई. उस ने सोचा कि नित्या उसे देख कर रुकेगी पर वह उस पर नजर डाल कर आगे बढ़ गई. अपनी उपेक्षा से वह बेचैन हो गया, फिर उस ने मन को समझाया कि हो सकता है वह उसे पहचान न पाई हो. आखिर कितना लंबा

समय बीत गया है दोनों की मुलाकात को हुए.

वह नित्या के पीछेपीछे चल दिया. नित्या जा कर उस के कमरे के ठीक बगल वाले कमरे के सामने रुकी और फिर पर्स से चाबी निकाल कर दरवाजे का ताला खोलने लगी. नित्या उस के बगल वाले कमरे में रुकी है, यह जान कर उस के सवाल जैसे रुक गए. उस की बेचैनी कम हो गई. नित्या से मुलाकात का मौका अब बहुत करीब नजर आ रहा था. उस ने देखा कि नित्या दरवाजा नहीं खोल पा रही है.

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