रोजर को मैं छोड़ कर आई थी. उस ने तो मुझे कभी नहीं छोड़ा. यहां भी हर पल उस का अदृश्य साया मेरे साथ परछाई बन रहता है, उस की पलपल की खबर रखता है. आखिर दीपमाया को कैसा सदमा लगा था और क्या वह वापस गई...