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लेखिका- शोभा बंसल

"मौम, पता है कल वैलेंटाइन डे पर माया मैडम ने क्या बढ़िया पार्टी अरेंज की थी. एकदम परफैक्ट और खाना..वाह बहुत टेस्टी था. मुझे तो आप याद आ गईं. आप की तरह ही सुंदर हैं. उन के लंबे बाल हैं और कजरारी आंखें, बिलकुल पंजाबी ब्यूटी. मैं ने जब उन्हें बताया कि मेरी मम्मी भी उन की तरह ही एकदम परफैक्ट वूमेन हैं- अच्छा खाना पकाना, नाचना, गाना, पार्टी अरेंजर, वन इन औल. जब मैं ने माया मैम को बताया कि हम बच्चों की परवरिश के लिए आप ने अपना अच्छाभला कैरियर दांव पर लगा दिया था तब से तो वे आप से मिलने को उत्सुक हैं."

मेरी बेटी मिनी काठमांडू यूनिवर्सिटी से एमडी कर रही है. घर से इतनी दूर अपने बच्चों को भेजना सब के लिए ही मुश्किल होता है और जब आज मैं ने मिनी को वीडियो कौल पर यों चहकते, मुसकराते देखा तो हम सब के मन को सुकून मिल गया. शुक्र है वह घर से इतनी दूर परदेश में पीजी में एडजस्ट हो गई है. अब उस की बातें सुन लग रहा था कि सारा क्रैडिट तो उस की वार्डन मिसेज माया को जाता है, जिस ने मिनी की उदासी व अकेलेपन को दूर किया था. अब जब भी मिनी कौल करती है तो उस की जबान पर, बस, माया मैम ही होता है.

जब से मिनी ने अपनी माया मैम को बताया है कि उस की मम्मी ने ही उस के सारे बैग्स डिजाइन किए हैं तब से पता नहीं उस की माया मैम ने मेरे लिए अपने मन में क्या छवि बना ली थी. अब हम दोनों ही एकदूसरे को मिलने को उत्सुक थीं.

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