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दीपा अब अपने आने वाले जीवन के बारे में सोच रही थी. वह अपने पापा से दूर नहीं रहना चाहती थी. सोचा कि वह इस बारे में विजय से बात करेगी.

अगर वह उस के साथ रहने को तैयार हो जाता है, तो उसे अपने पापा की कोई चिंता नहीं रहेगी और उस की किश्ती को किनारा मिल जाएगा.

विजय की फैमिली का बिजनैस है और उस के घर वाले चाहते हैं कि वह अपने घर के बिजनैस में हाथ बंटाए और जल्दी से शादी कर अपना घर बसाए. उस के पिता चाहते हैं कि वे विजय की शादी अपने दोस्त राजीव की बेटी शिवानी से कर अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दें, लेकिन विजय ने शादी करने से यह कह कर इनकार कर दिया है कि जब तक वह खुद अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो जाता, वह शादी नहीं करेगा. वह दीपा से अपने प्यार के बारे में किसी को कुछ नहीं बता सका. लेकिन मांबाप की जिद और बूढ़ी दादी के आगे उसे झुकना पड़ा और आखिर वह राजीव परिवार के यहां पुणे में लड़की देखने जाने को तैयार हो गया.

दोनों ही परिवारों को यकीन था कि शिवानी जैसी सुंदर और होशियार लड़की को देख कर विजय न नहीं कर सकता.
विजय सच में शिवानी को देखता ही रह गया. शिवानी भी पहली नजर में ही उसे अपना दिल दे बैठी और मन ही मन उसे अपना पति मान लिया लेकिन उस वक्त उस का दिल टूट गया जब विजय ने शादी करने से इनकार कर दिया. किसी की समझ में नहीं आया कि उस ने ऐसा क्यों किया.
अपनी छोटी बहन रोली के बहुत पूछने पर विजन ने अपने और दीपा के प्यार के बारे में बताया और कहा कि वह उसी से शादी करेगा.

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