एकाकी जीवन जी रही वंदना को किसी की जरूरत थी, जो उसे प्रेम करे, उसे समझे. देव के रूप में उसे ऐसा साथी भी मिला पर फिर ऐसा क्या हुआ जो वंदना फिर से एकाकी जीवन जीने को मजबूर हो गई...