उस के साथ मेरी जानपहचान कालेज के समय
से है?’’
‘‘ये सब बताने के अलावा उस ने यह भी बताया है कि अब वह आप की प्रेमिका है.’’
‘‘यह झूठ बात है. उसे लोग रोहित की प्रेमिका सम झने की भूल एक बार को कर सकते हैं, मेरी नहीं.’’
‘‘लोगों की मु झे फिक्र नहीं, पर शिखा
भाभी की सारी गलतफहमी आज तब दूर हो जाएगी जब मैं उन्हें बताऊंगी कि प्रौपर्टी खरीदनेबेचने के सिलसिले में आप शनिवार या इतवार के दिन सुबह से देर रात तक घर से
बाहर रहते हो, तब कौन आप के साथ होता है.’’
‘‘उसे मालूम है कि तब मैं रोहित के साथ होता हूं.’’
‘‘और अब मैं उन्हें यह बताऊंगी कि आप के दबाव में आ कर रोहित इस मामले में झूठ बोलते आ रहे हैं. आप रोहित की मौजूदगी को ढाल बना कर मानसी के साथ रंगरलियां मनाते हो.’’
‘‘क्या रोहित ने तुम से ये सब कहा है?’’ संजीव अब डरा हुआ सा नजर आ रहा था.
‘‘आप जानते हो कि रोहित अपने सब से पक्के दोस्त के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोलेंगे.’’
‘‘फिर कौन है यह आदमी जो तुम्हें यह गलत जानकारी दे रहा है?’’
‘‘वह आदमी न हो कर मानसी की कोई महिला मित्र भी हो सकती है और मेरी यह सारी जानकारी गलत नहीं है.’’
अंजलि की इस बात ने संजीव की बोलती बंद कर दी.उस की खामोशी का फायदा उठाते हुए अंजलि दृढ़ लहजे में बोलती रही, ‘‘आप तीनों को साथ घूमते देख कर सब सम झते हैं कि मानसी रोहित की गर्लफ्रैंड होगी, पर सचाई यहहै कि उस के साथ आप का चक्कर चल रहा है. मैं ने इसी पल फैसला कर लिया है कि रोहित और अपने मन की सुखशांति और खुशियोंकी खातिर मैं आज ही उन्हें अमन के बारे में सबकुछ बता दूंगी. अब मैं यह भी चाहती हूं कि आप रोहित के साथ अपनी दोस्ती फौरन खत्म कर दो.’’
‘‘तुम्हारे चाहने भर से ऐसा कुछ कभी नहीं होगा. हमारी दोस्ती के टूटने के सपने भी मत देखना,’’ संजीव ने चिड़े लहजे में जवाब दिया
‘‘यह दोस्ती तो टूट कर रहेगी क्योंकि आप दोनों का साथ रहना हमारे हित में नहीं है. यह तो इत्तफाक से मु झे पता लग गया कि उन की झूठी गवाही के बल पर आप मानसी के साथ अपने गलत रिश्ते को शिखा भाभी से छिपा कर रखने में सफल हुए हैं… कल को ऐसा ही गलत काम रोहित भी कर सकता है और इसीलिए आप दोनोें की दोस्ती हमारे विवाहित जीवन की भावी खुशियों के लिए बहुत बड़ा खतरा है,’’ भावावेश के कारण अंजलि की आवाज में कंपन पैदा हो गया था.
‘‘तुम बेकार ही बात का बतंगड़ बना रही हो.’’
‘‘आप को जो सम झना है सम झो, पर रोहित के साथ अपनी दोस्ती तोड़ लो.’’
‘‘तुम सम झ नहीं रही हो, अंजलि. रोहित से दूर हो कर मैं बहुत अकेला पड़ जाऊंगा,’’ संजीव अब बहुत बेचैन और परेशान नजर आ
रहा था.‘‘और आप इस मुद्दे को मेरे हिसाब से क्यों नहीं देख रहे हैं? मैं नहीं चाहती हूं कि मानसी से अवैध रिश्ता बनाए रख कर आप
गलत उदाहरण रोहित के सामने रखें. मैं खुद को शिखा भाभी की स्थिति में कभी नहीं देखना चाहूंगी.’’
‘‘और तुम यह क्यों नहीं सम झ रही हो कि अपने सब से पक्के दोस्त को खो कर मेरे लिए जीने का सारा मजा जाता रहेगा?’’ संजीव का बोलते हुए गला भर आया था.
‘‘रोहित के साथ अपनी दोस्ती को अगर आप मानसी के साथ चल रहे नाजायज प्यार के रिश्ते से ज्यादा अहमियत देते हैं, तो उस से हमेशा के लिए दूर क्यों नहीं हो जाते हो?’’ अंजलि ने उत्तेजित लहजे में सवाल किया.
संजीव जवाब में कुछ नहीं बोला तोअंजलि ने कोमल लहजे में सम झाना शुरू किया, ‘‘भाई साहब, अगर आप शांत मन से सोचेंगे तो पाएंगे कि मैं आप को ठीक कदम उठाने की सलाह दे रही हूं. शिखा भाभी के व्यक्तित्व में आई कमियों को दूर करने की जिम्मेदारी मैं लेती हूं. उन का मोटापा कम कराने के लिए मैं उन के साथ रोज जिम जाना शुरू करूंगी. उन्हें ब्यूटीपार्लर जाने की आदत डलवाऊंगी. हम सब मिल कर सहयोग करेंगे तो जल्द ही उन का व्यक्तित्व वैसा ही आकर्षक हो जाएगा जैसा शादी के समय था.’’