रश्मि अपने डाक्टर पति को ज्यों ही बांहों में कैद करती, कोई न कोई मरीज घंटी बजा देता और रश्मि के सपने अधूरे रह जाते. पति के कर्तव्य और अपने प्यार के बीच उलझी रश्मि समझ न पाती कि उस की समस्या का हल कैसे होगा?