लिफ्ट की साफसफाई चल रही थी, इसलिए प्रकाश तीसरी मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट में जाने के लिए सीढि़यां चढ़ने लगा. वह 2-4 सीढि़यां चढ़ा ही था कि उसे लगा उस के पीछे कोई आ रहा है.
उस ने पलट कर देखा तो उस के पीछे एक लड़की सीढि़यां चढ़ रही थी. उस ने उसे देखा तो उस की नजर उस के चेहरे से फिसल कर कहीं और ही मुड़ गई. उसे यह अनुभव पहली नजर में ही नहीं बल्कि उस ने जब भी लड़की को देखा, तबतब हुआ था. पता नहीं उस के चेहरे में ऐसा क्या था कि वह जब भी दिखाई दे जाती, अनायास प्रकाश की आंखें उस की ओर चली जाती थीं. मगर टिकी नहीं रहती थीं. क्या यह उस के आकर्षण की वजह से था. लेकिन उसे लगता था, आकर्षण के अलावा भी उस में कुछ और था.
सहज आत्मविश्वास और हर किसी के प्रति अवहेलना का भाव. अपने आकर्षक होने की सहज अनुभूति और मिलीजुली मासूमियत. जैसे उसे इस बात का गहरा अहसास हो कि वह युवा है, पर उसे इस का अहसास न हो कि जवानी क्या है. उस के चेहरे का खोजता हुआ भाव उस की सुंदरता को और बढ़ा देता था. उस की आंखों से ऐसा लगता था, जैसे वह बाहर कम अपने अंदर ज्यादा देखती है. चुस्त जींस और चुस्त टौप, मानो उस ने अपनी नजरों से नहीं, दूसरों की नजरों से प्रकाश की ओर देखा हो.
उस के बड़ेबड़े बालों और सुंदर चेहरे की बड़ीबड़ी आंखों के अलावा प्रकाश की नजर फिसल कर जहां मुड़ी थी, वह उसी में खो गया था, जिस की वजह से उस की चाल धीमी हो गई थी. पर उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा था. वह उसी तरह तेजी से सीढि़यां चढ़ती हुई उस के बगल से निकल गई.
प्रकाश को लगा, अब उसे भी चाल बढ़ानी होगी. क्योंकि अब वह यह देखे बिना नहीं रह सकता था कि वह किस फ्लैट में जाती है.यह जानने के लिए प्रकाश ने अपनी चाल बढ़ा दी. वह उसी तीसरी मंजिल पर पहुंच कर रुक गई, जहां प्रकाश को जाना था. वह फ्लैट नंबर था 303. प्रकाश का फ्लैट नंबर 301 था. वह लड़की सामने वाले फ्लैट में आई है, यह जान कर उसे बहुत खुशी हुई. पर यह कौन है, क्योंकि उस फ्लैट में प्रकाश ने उसे आज पहली बार देखा था.
उसे लगा, कोई रिश्तेदार होगी, किसी काम से आई होगी. वह प्रकाश के मन को भा गई थी, इसलिए एक बार और देखने के लोभ में उस ने अपने फ्लैट का मुख्य दरवाजा खुला छोड़ दिया. इस में वक्त ने उस का साथ यह दिया कि उस दिन उस के फ्लैट में कोई नहीं था. सभी एक शादी में गए हुए थे. प्रकाश दरवाजे के बाहर नजरें टिकाए बेचैनी से ताक रहा था कि वह बाहर निकले ताकि वह उसे एक नजर देख ले.
घंटों बीत गए, पर वह नहीं निकली. वह टकटकी लगाए उस के फ्लैट का दरवाजा ताकता रहा. धीरेधीरे वह निराश होने लगा.
पर शाम होते ही फ्लैट का दरवाजा खुला. प्रकाश के शरीर में जैसे जान आ गई. एक बार उसे और देखने के लिए वह फुरती से उठा और बाहर आ गया. तब तक वह लिफ्ट में घुस गई थी. प्रकाश ने फटाफट दरवाजा लौक किया और लिफ्ट के चक्कर में न पड़ कर तेजी से सीढि़यां उतरने लगा. उस के ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचने के साथ ही लिफ्ट भी नीचे पहुंच गई थी. लिफ्ट का दरवाजा खोल कर वह बाहर निकली और सामने सड़क की ओर चल पड़ी.
लड़की के रेशम जैसे काले लंबे बाल, सुडौल देह, वह लड़की सुंदर ही नहीं प्रकाश को अद्भुत भी लगी. उस की चाल गजब की थी. उसे देख कर कोई भी उस के प्रेम में पड़ सकता था. प्रकाश की नजर उस पर से हट नहीं रही थी. वह मेनरोड पार कर के सामने दुकान पर पहुंच गई. अब प्रकाश उसे सामने से मन भर कर देखना चाहता था. इसलिए वह वहीं सोसाइटी के गेट पर खड़ा रहा. उसे सामने से आता देख वह खो गया.
इस के बाद तो क्रम सा बन गया. प्रकाश उस के आगेपीछे चक्कर लगाने लगा. इसी के साथ उस ने लड़की के बारे में एकएक जानकारी जुटा ली. उस का नाम श्रुति था. उस के सामने वाले फ्लैट में उस की मौसी रहती थीं. वह मौसी के यहां रह कर बीटेक की अपनी पढ़ाई कर रही थी. इस के पहले वह हौस्टल में रह कर पढ़ रही थी. वहां कोई बवाल हो गया था, जिस की वजह से वह मौसी के यहां रहने आ गई थी.
प्रकाश ने उस से बात करने की कोशिश शुरू कर दी. पर उस की बातों का वह छोटा सा जवाब दे कर उसे टाल देती थी. फिर भी वह उस के पीछे पड़ा रहा. प्रकाश अकसर देखता, वह उस के फ्लैट के दरवाजे के पास खड़ी हो कर अपने मोबाइल में कुछ करती रहती थी. ऐसे में जब प्रकाश से उस का सामना होता तो धीरे से मुसकरा देती. इस से प्रकाश को लगा कि शायद वह उसे पसंद करने लगी है. पर क्यों, यह उसे पता नहीं था.
पर एक दिन जब प्रकाश ने अपने ओपन वाईफाई में पासवर्ड सेट कर दिया तो सच्चाई का पता चल गया. उस के पासवर्ड सेट करने के बाद जब वह बाहर निकला तो वह उस की ओर बढ़ी. उसे अपनी ओर आते देख प्रकाश के दिल की धड़कन बढ़ गई. शरीर में रोमांच सा हुआ.
प्रकाश के पास आ कर उस ने अपनी आवाज में शहद सी मिठास लाते हुए कहा, ‘‘आप अपने वाईफाई का पासवर्ड दे देंगे क्या?’’
‘‘क्यों नहीं, श्योर. लाइए, मैं आप के मोबाइल में कनेक्ट कर देता हूं.’’
श्रुति ने मोबाइल दिया, तो प्रकाश ने कांपते हाथों से वाईफाई का पासवर्ड सेट कर दिया. उस ने थैंक्स कहते हुए उस का मोबाइल नंबर मांगा तो प्रकाश ने फटाफट अपना नंबर सेव करा दिया. प्रकाश ने उस का नंबर मांगा तो उस ने भी बेहिचक अपना नंबर बता दिया. प्रकाश को उस का नाम पता था, फिर भी बात को आगे बढ़ाने के लिए उस ने उस का नाम पूछा.
‘‘मेरा नाम श्रुति है.’’ कह कर वह चली गई.
नंबर मिलने के बाद प्रकाश वाट्सऐप पर गुडमौर्निंग और गुडनाइट के मैसेज भेजने लगा. श्रुति की ओर से बराबर जवाब भी आता था. अकसर जानबूझ कर प्रकाश पासवर्ड बदल देता था. श्रुति का तुरंत फोन आ जाता था. कभीकभार वह वाट्सऐप पर मैसेज कर के पूछ लेती थी. एक दिन पासवर्ड बदल कर जैसे ही प्रकाश बाहर निकला, श्रुति सामने आ गई. उस ने पासवर्ड पूछा तो जवाब में प्रकाश ने कहा, ‘‘आई लव यू.’’
गुस्सा हो कर श्रुति ने कहा, ‘‘मैं वाईफाई का पासवर्ड पूछ रही हूं और तुम ‘आई लव यू’ कह रहे हो. तुम इस तरह की बात करोगे, मैं ने कभी सोचा भी नहीं था.’’
इस के अलावा भी श्रुति ने बहुत कुछ कहा. प्रकाश जवाब में जो कुछ कहना चाहता था, वह उसे सुनने को तैयार ही नहीं थी. अपनी बात कह कर वह पैर पटकती हुई चली गई. प्रकाश ने वाट्सऐप पर रिक्वेस्ट की, पर उस ने मैसेज खोल कर देखा ही नहीं. अंत में प्रकाश ने टेक्स्ट मैसेज भेजा कि ‘आई लव यू’ मैं ने तुम्हें नहीं कहा, वह तो वाईफाई का पासवर्ड है.
अगले दिन श्रुति मिली तो उस ने कहा, ‘‘तुम ने ऐसा जानबूझ कर किया था न? ऐसा कर के मुझे परेशान किया. तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. तुम्हें बता दूं कि मुझे ऐसी बातों में रुचि नहीं है.’’
‘‘अगर किसी को किसी से पहली नजर में प्यार हो जाए तो…’’ प्रकाश ने कहा.
‘‘और दूसरी नजर में ब्रेकअप हो जाए तो…’’ जवाब में श्रुति ने कहा.
‘‘यह तुम्हारा वहम है.’’
‘‘और प्रेम हो जाए यह?’’ श्रुति ने कहा.
‘‘यह मेरा अनुभव है. किस से हुआ है प्रेम?’’ प्रकाश ने पूछा.
‘‘मैं यह नहीं बताऊंगी. पर हुआ है, यह निश्चित है.’’
‘‘क्यों नहीं बता सकती?’’ प्रकाश ने सवाल कर दिया.
‘‘अगर वह मांगे तो जीवन ही नहीं, सांसें भी दे दूं,‘‘ श्रुति ने कहा, ‘‘तुम ने कभी किसी से प्यार किया है या सिर्फ वाईफाई का पासवर्ड ही ‘आई लव यू’ रखा है?’’
‘‘किया है न, तभी तो ‘आई लव यू’ पासवर्ड रखा है. सीधेसीधे कहने की हिम्मत नहीं पड़ी तो पासवर्ड के बहाने कह दिया. अब तुम कहो, उस दिन तो तुम ने बहुत कुछ कह दिया. उस से तो..’’
‘‘मुझे अच्छे तो तुम भी लगते थे, पर तब तक इस बारे में कुछ सोचा नहीं था. पर जब सोचा तो लगा कि तुम ने यह पासवर्ड सेट करने के बजाय सच में ‘आई लव यू’ कहा होता तो…’’ श्रुति ने कहा.
उस की बात बीच में ही काट कर प्रकाश ने कहा, ‘‘तो क्या तुम भी..?’’
‘‘हां, पर अब यह पासवर्ड किसी दूसरी लड़की को मत बताना.’’ श्रुति ने कहा.
इसी के साथ दोनों हंस पड़े.