कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

ताप्ती ने जैसे ही सरकारी कोठी में प्रवेश किया, अर्दली दौड़ कर आया. उस का नामपता पूछ कर अंदर फोन घुमाया और फिर उसे अंदर भेज दिया. ड्राइंगरूम को देख कर ताप्ती सोच रही थी, मेरे पूरे फ्लैट का एरिया ही इस कमरे के बराबर है.

तभी कुछ सरसराहट हुई और एक लंबी कदकाठी के सांवले युवक ने अंदर प्रवेश किया, ‘‘नमस्कार मैं आलोक हूं, आप ताप्ती हैं?’’

ताप्ती एकदम से सकपका गई, ‘‘जी हां, बच्चा किधर है?’’

‘‘गोलू अभी सो रही है. दरअसल, अभी कुछ देर पहले ही स्विमिंग क्लास से आई है.’’

ताप्ती को विश्वास नहीं हो रहा था कि यह युवक पुलिस महकमे में इतने ऊंचे पद पर आसीन होगा और इस की 9 वर्षीय बेटी भी है.

आलोक बहुत ही धीमे और मीठे स्वर में वार्त्तालाप कर रहे थे. न जाने क्यों ताप्ती बारबार उन की तरफ एकटक देख रही थी. सांवला रंग, चौड़ा सीना, उठनेबैठने में एकदम अफसरी ठसका, घने घुंघराले बाल जो थोड़ेथोड़े कानों के पास सफेद हो गए थे, उन्हें छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया गया था और हंसी जिस में जरा भी बनावट नहीं थी, दिल के आरपार हो जाती थी. बच्चों जैसी हंसी. पता नहीं क्यों बारबार ताप्ती को लग रहा था यह बंदा एकदम खरा सोना है.

चाय आ गई थी. ताप्ती उठना ही चाह रही थी कि आलोक बोला, ‘‘ताप्तीजी, आप आई हैं तो एक बार गोलू की मम्मी से भी मिल लें... अनीता अभी रास्ते में ही हैं... बस 5 मिनट और.’’

ताप्ती को वहां बैठना मुश्किल लग रहा था पर क्या करती... चाय के दौरान बातोंबातों में पता चला कि ताप्ती और आलोक एक ही कालेज में पढ़े हुए हैं, फिर तो कब 1 घंटा बीत गया पता ही नहीं चला.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 24 प्रिंट मैगजीन
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...