Romantic Story : ‘‘अंकल, मैं युवान से शादी नहीं कर पाऊंगी. मैं यह शादी तोड़ रही हूं. प्लीज, युवान को बता दीजिएगा. आप का दिया हार और कंगन मैं अभी आप के औफिस में दे जाऊंगी. नमस्ते.’’
अपने मंगेतर युवान के पिता को फोन पर शादी से इनकार कर भाविषा को यों लग रहा था मानो उस के हाथपैरों से जान निकल गई हो. अतीव घबराहट से उस के हाथ पैर कांप रहे थे. दिल डूबा जा रहा था. वहीं दूसरी ओर उसे राहत का एहसास भी हो रहा था.
इन मिश्रित एहसासों में डूबतीउतराती भाविषा फोन काट कर बैड पर धम्म से बैठ गई. अनायास आंखों के सामने युवान का चेहरा कौंध आया. उस के हृदय में जैसे शूल चुभा.
युवान, उस का सब से प्यारा, अंतरंग दोस्त... प्रेमी... उफ, उस ने उसे क्या समझ और उस की असली फितरत क्या निकली? अनायास उसे खुशनुमा अतीत की रोशन यादों ने अपने आगोश में समेट लिया...
युवान से भविषा की पहली मुलाकात उस की दिल्ली यूनिवर्सिटी के वार्षिक फ्लौवर शो में हुई थी. उसे आज भी अच्छी तरह याद है, वह उन दिनों एमए प्रीवियस में थी और युवान एमए फाइनल में.
उस दिन भाविषा ने एक सफेद रंग की लौंग स्कर्ट और टौप पहना हुआ था. सफेद रंग उस का पसंदीदा रंग था. वह एक जूही के पौधे के पास जा कर पोज दे रही थी और उस की सहेली उस का फोटो खींच रही थी.
भाविषा एक तीखे नैननक्श की गोरीचिट्टी बेहद खूबसूरत युवती थी. सहेली ने उस के कुछ फोटो खींचे ही थे कि उस ने देखा, एक बांका सजीला नौजवान उस के पास आ कर पौधे पर खिलते जूही के फूलों की सुंदर पृष्ठभूमि में सैल्फी लेने लगा.
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