Short Stories In Hindi : अंकुर मेरा नैनीताल जाना बहुत जरूरी है. एक प्रोजैक्ट के सिलसिले में कल ही जाना है. बट सोच रही हूं अकेली कैसे जाऊंगी?’’

‘‘कोई नहीं मैं चलता हूं साथ,’’ 1 मिनट की भी देरी किए बिना अंकुर ने तुरंत कहा.

अंजलि थोड़ी चकित हो कर बोली, ‘‘मगर औफिस में क्या कहोगे? बौस नाराज नहीं होंगे?’’

‘‘ऐसा कुछ नहीं है. मैं कह दूंगा कि तबीयत सही नहीं. इस तरह 2-4 दिन आराम से छुट्टी मिल जाएगी.’’

‘‘ओके फिर आ जाना. हम कैब से चलेंगे. मैं ने कैब वाले से बात कर ली है. कल सुबहसुबह निकलते हैं,’’ अंजलि निश्चित हो कर अपने काम में लग गई.

अंकुर और अंजलि करीब 1 साल से संपर्क में हैं. दोनों औफिस में मिले थे. अंजलि को अच्छी कंपनी से जौब औफर हुई तो वह वहां चली गई मगर अंकुर ने उस से संपर्क बनाए रखा. अब समय के साथ दोनों के बीच एक अच्छी दोस्ती डैवलप हो गई थी. इस दोस्ती की वजह अंकुर का केयरिंग नेचर था जो अंजलि को बहुत पसंद था. अंजलि को जब भी कोई समस्या होती या किसी का साथ चाहिए होता वह अंकुर को कौल करती और उसे कभी निराश नहीं होना पड़ता. अंकुर हमेशा उस का साथ देने के लिए आ जाता.

अंजलि का कोई भाई नहीं था इसलिए वह चाहती थी कि उस का पति उस के घर वालों की भी परवाह करने वाला हो. अंकुर इस माने में बिलकुल फिट बैठता था. वह अकसर अंजलि के घर जाता और उस की मम्मी की हैल्प करने की कोशिश में रहता. कभी मार्किट से कुछ लाना है, कभी शौपिंग के लिए साथ जाना है, कभी कोई खास डिश बनानी है तो वह हमेशा आगे रहता.

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